रांची : हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) राज्य नि:शक्तता आयुक्त की नियुक्ति की शर्तों (Terms of Appointment) को ढीला करेगी, ताकि आसानी से योग्य अधिकारी की नियुक्ति हो सके।
वर्तमान नियमावली इतनी कठिन है कि किसी योग्य व्यक्ति की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। यह पद प्रभार में चल रहा है।
इसी वजह से अब नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव विभागीय स्तर से दिया गया है।
प्रस्ताव में जरूरी अर्हता को कम करने की सिफारिश
महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग (Women Child Development and Social Security Department) ने नि:शक्त व्यक्ति अधिनियम-1995 (Persons with Disabilities Act-1995) और झारखंड नि:शक्त व्यक्ति नियमावली-2003 (Jharkhand Disabled Person Rules-2003) में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।
प्रस्ताव में जरूरी अर्हता को कम करने की सिफारिश है।
नियमावली में संशोधन के बाद राज्य सरकार के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी भी इस पद पर नियुक्त हो सकेंगे, चाहे वे रिटायर ही क्यों न हो गए हों।
20 साल के एक्सपीरियंस को किया जाएगा 10 साल, सामान्य योग्यता ग्रेजुएशन होगी
वर्तमान नियमावली में राज्य नि:शक्तता आयुक्त (State Disability Commissioner) के पद पर नियुक्ति के लिए स्नातक के साथ विशेष शिक्षा (विकलांगता के क्षेत्र में) में डिग्री-डिप्लोमा के साथ लॉ या मैनेजमेंट (Law or Management) में डिग्री-डिप्लोमा (Degree-Diploma) जरूरी है।
संशोधन के बाद शैक्षिक योग्यता सिर्फ स्नातक (Graduate) होगी। अभी दिव्यांगता के क्षेत्र में 20 वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है।
नियमावली में संशोधन के बाद 10 वर्ष का अनुभव ही पर्याप्त होगा। बता दें कि राज्य नि:शक्तता आयुक्त का पद 2021 से खाली है।
तत्कालीन आयुक्त सतीश चंद्र का कार्यकाल 28 मार्च 2021 को पूरा हो गया था। तब से किसी की नियुक्ति नहीं हुई है।