गुमला: हाल ही में मुरुमकेला में हुई सतेश्वर सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी समेत दर्जनों उग्रवादी कांडों को अंजाम देने के आरोपी एक लाख के ईनामी पीएलएफआई के नक्सली कमांडर के दफनाए गए शव को कामडारा पुलिस ने रविवार को रामतोलया के एक खेत को खोदकर बाहर निकाला।
कुख्यात नक्सली गोपाल होरो की मौत डेढ़ महीने पहले ही एक बाइक दुर्घटना में हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने उसके शव को एक खेत में दफना दिया था।
इसका खुलासा शनिवार काे गिरफ्तार कर जेल भेजे गए उग्रवादी ढुल्लू मुंडा से पूछताछ में हुआ था।
इसकी पुष्टि बसिया एसडीपीओ दीपक कुमार ने की है।
पत्नी व चाचा ने शव की पहचान की
उग्रवादी ढुल्लू मुंडा की निशानदेही पर बसिया एसडीपीओ के नेतृत्व में कामडारा पुलिस ने एक टीम गठित कर शव को गांव रामतोलया के एक खेत से खोद कर निकाला।
इस दौरान मजिस्ट्रेट के रूप में कामडारा बीडीओ रविन्द्र कुमार गुप्ता मौजूद थे।
वहीं, मृत गोपाल होरो के शव का पहचान उसकी पत्नी सोमारी ताेपनाे अाैर उसके चाचा ठुमा होरो द्वारा की गई।
फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए गुमला भेजा गया है।
पुलिस टीम में थाना प्रभारी देव प्रताप प्रधान, बसिया सर्किल इंस्पेक्टर बैजू उरांव समेत पुलिस के जवान शामिल थे।
परिजनों ने चुपके से खेत में दफना दिया था शव
परिजनों ने चुपके से शव को खेत में दफना दिया था। बसिया एसडीपीओ दीपक कुमार ने पत्रकारों को बताया कि मृत उग्रवादी गोपाल होरो उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के कामडारा, बसिया, लापुंग जरियागढ़ और रामतोलया क्षेत्र का एरिया कमांडर था।
वह लापुंग थाना क्षेत्र के कथ कुंवारी, बरटोली का रहने वाला था।
उसकी गिरफ्तारी को लेकर एक लाख रुपए का ईनाम रखा गया था।
इसके अलावा वह पिछले दिनों कामडारा क्षेत्र के गांव मुरुमकेला में हुई सतेश्वर सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी भी था।
गोपाल होरो के ऊपर हत्या सहित दर्जनों उग्रवादी घटनाओं में शामिल रहने का मामला कामडारा व लापुंग थाना में दर्ज है।