चतरा: चतरा में जंगली फल (Forest Fruit) खाने से बीमार बच्चों की संख्या बढ़कर अब 24 हो गई है। सूचना मिलते ही कान्हाचट्टी BDO ने ग्रामीणों के सहयोग से सभी बच्चों को इलाज के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र कान्हाचट्टी (Health Sub Center Kanhachatti) में भर्ती कराया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने सभी को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर है।
मामले की सूचना पाकर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, सांसद सुनील कुमार सिंह, जिप उपाध्यक्ष ब्रजकिशोर तिवारी, SDO मुमताज अंसारी, सिविल सर्जन डॉक्टर SN सिंह, DEEO Dinesh Mishra व DSE अभिषेक बड़ाईक भी सदर अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
परिस्थिति के अनुरूप अग्रतर निर्णय लिये जाएंगे
सांसद सुनील कुमार सिंह ने बीमार बच्चों के साथ-साथ परिजनों से हाल जाना और बीमार बच्चों के परिजनों के बीच ब्रेड व अन्य खाद्य सामग्री। साथ ही सिविल सर्जन (Civil Surgeon) को बीमार बच्चों को बेहतर चिकित्सा सेवा मुहैया कराने का निर्देश दिया।
मौके पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता (Satyanand Bhokta) ने सिविल सर्जन और चिकित्सकों को बच्चों का समुचित इलाज करने का निर्देश दिया। सभी बच्चों का सदर अस्पताल (Sadar Hospital) में उपचार शुरू हो गया है।
सभी की स्थिति सामान्य है। बच्चे जिले के घोर नक्सल प्रभावित कान्हाचट्टी प्रखंड के जमरी पंचायत अंतर्गत पकरी गांव के हैं। मामले में सिविल सर्जन (Civil Surgeon) ने कहा है कि पूरी रात चिकित्सकों के विशेष निगरानी में बच्चों को रखा जाएगा। परिस्थिति के अनुरूप अग्रतर निर्णय लिये जाएंगे। श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बीमार बच्चों से बात की।
श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने किया ट्वीट
छात्रों का हाल जानने के बाद श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने ट्वीट किया। Tweet में उन्होंने लिखा कि आज चतरा के कान्हाचट्टी प्रखंड के 22 बच्चे जो बगरेड़ी का बीज खाने से अचानक गंभीर रूप से बीमार हो गए थे।
मामले की जानकारी मिलते ही बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने सदर अस्पताल (Sadar Hospital) पहुंचा। सभी बच्चों की स्थिति सामान्य हो गई है। उनका उपचार जारी है।
जानिये बच्चे ने क्या बताया
वहीं बीमार पड़े एक बच्चे बताया कि राजपुर थाना क्षेत्र के पकरी गांव के प्राथमिक स्कूल (Primary school) के सटे जंगल गए थे। वहां कुछ जंगली फल खा गए जिसके बाद हमलोगों की तबीयत खराब होने लगी। बच्चोंल को नहीं पता था कि इस फल के खाने से बीमार हो सकते हैं।
बच्चों की हालत स्थिर : सिविल सर्जन
इस मामले में चतरा के सदर अस्पताल के सिविल सर्जन श्यामनंदन सिंह ने बताया कि बच्चों की हालत स्थिर है। सभी बीमार पड़ने वाले बच्चों की उम्र करीब 8-9 साल के बीच है।
बीमार होने के बाद बच्चों को कान्हाचट्टी प्रखंड स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र में भर्ती कराया गया था। बाद में उनमें से 5 बच्चों को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल (Sadar Hospital) लाया गया, जहां सभी की हालत स्थिर है।