खूंटी: अपनी डेढ़ वर्षीय बीमार बच्ची (Old Sick Girl) का इलाज कराने सदर अस्पताल खूंटी पहुंचे जापूत गांव के दशरथ पूर्ति को अगर यह आभास होता कि जिले के इस सबसे बड़े अस्पताल में उसकी बीमार बच्ची के लिए समय पर एक यूनिट ब्लड (Unit Blood) नहीं मिल सकता, तो शायद वह अपनी बच्ची को लेकर यहां इलाज के लिए नहीं आते।
बच्ची के शरीर में खून की काफी कमी
समय पर अस्पताल पहुंचने के बावजूद दुर्भाग्य से उसे एक यूनिट ब्लड (Unit Blood) नहीं मिल सका, जिससे उसकी बीमार बच्ची की मौत (Death Of Sick Child) हो गई।
तोरपा प्रखंड के जापुत निकवासी दशरथ पुत्री ने बताया कि वह अपनी डेढ़ वर्ष की बीमार बच्ची सोनालिका को लेकर गुरुवार की शाम तोरपा रोड में रहनेवाले शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चंद्रशेखर जायसवाल (Dr Chandrashekhar Jaiswal) के यहां पहुंचे। बच्ची को देखने के बाद डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के शरीर में खून की काफी कमी है, अविलंब खून चढ़ाना होगा।
ब्लड उपलब्ध कराने के लिए स्वजन गिड़गिड़ाते रहे
डॉक्टर की सलाह पर बीमार बच्ची को खून चढ़ाने के लिए उसे अस्पताल लाया गया। अस्पताल में रिंकी नामक महिला कर्मचारी ने बताया कि O Positive Blood Hospital के ब्लड बैंक में उपलब्ध है, लेकिन सुजीत नामक कर्मचारी के आदेश पर ही उन्हें ब्लड मिल सकता है।
इस पर सुजीत नामक कर्मचारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया और उपस्थित कर्मचारियों से ब्लड उपलब्ध कराने के लिए स्वजन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन देर रात तक ना तो उनका सुजीत से संपर्क हो सका, ना ही ब्लड मिला।
अनुमंडल पदाधिकारी ने समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया
कर्मचारियों ने बच्ची को सुबह ब्लड चढ़ाने की बात कहकर स्वजनों की गुहार को टाल दिया। अंततः ब्लड के अभाव में शुक्रवार तड़के बच्ची ने अपनी मां की गोद में दम तोड़ दिया।
सदर अस्पताल में उपेक्षा के कारण अपनी लाडली बच्ची की मौत से मर्माहत संगीता देवी और दशरथ पूर्ति सहित अन्य परिजन बाद में अनुमंडल पदाधिकारी अनिकेत सचान के पास गए और उन्हें पूरे मामले की जानकारी देते हुए न्याय की गुहार लगाई। बच्ची की असामयिक मौत (Untimely Death) पर अनुमंडल पदाधिकारी ने दुख जताते हुए समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।