BIHAR POLITICAL NEWS: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू के लिए वक्फ संशोधन विधेयक राजनीतिक संकट का कारण बनता जा रहा है। मोतिहारी के ढाका विधानसभा क्षेत्र में जेडीयू से जुड़े 15 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी के रुख से नाराज होकर सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं ने नीतीश कुमार पर समुदाय के हितों के खिलाफ जाने का आरोप लगाया है।
समूह में दिया इस्तीफा, नाराजगी सार्वजनिक
जिन नेताओं ने इस्तीफा दिया है, उनमें युवा, नगर और प्रखंड इकाइयों के कई पदाधिकारी शामिल हैं। उन्होंने पार्टी पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि जेडीयू ने वक्फ बिल पर केंद्र सरकार का साथ देकर मुस्लिम समाज को आहत किया है। इन नेताओं ने स्थानीय स्तर पर भी विरोध दर्ज कराते हुए नारेबाजी की।
इस्तीफा देने वालों में कौन-कौन शामिल
इस सामूहिक विरोध में जिन प्रमुख नेताओं ने इस्तीफा दिया, उनमें गौहर आलम (युवा जदयू, ढाका के प्रखंड अध्यक्ष), मो. मुर्तुजा (कोषाध्यक्ष, नगर परिषद), शबीर आलम (प्रखंड उपाध्यक्ष), मौसिम आलम (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष), जफीर खान, सगीर अहमद, एकरामुल हक सहित 15 नाम शामिल हैं।
नीतीश कुमार पर टूटा विश्वास
इस्तीफा देने वाले नेताओं ने कहा कि वे वर्षों से पार्टी के प्रति समर्पित थे, लेकिन वक्फ संशोधन विधेयक पर जेडीयू का समर्थन उनके लिए अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को नजरअंदाज किया है, जिससे पार्टी की छवि को गहरी चोट पहुंची है।
पार्टी ने बताया अफवाह, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और
हालांकि जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में पटना में प्रेस वार्ता कर यह दावा किया था कि पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन मोतिहारी से आई इस्तीफों की लहर ने इन दावों को कमजोर कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ शुरुआत है, और आने वाले समय में असंतोष और बढ़ सकता है।
चुनावी समीकरणों पर प्रभाव की आशंका
बिहार में मुस्लिम मतदाता एक बड़ा वोट बैंक हैं। ऐसे में जेडीयू से मुस्लिम नेताओं का अलग होना पार्टी के लिए गंभीर सियासी झटका हो सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो आगामी चुनाव में जेडीयू को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।