रांची: झारखंड के रांची जिले के बुंडू थाना अंतर्गत बाराहातू का रहने वाला 10 लाख का इनामी नक्सली सुरेश सिंह मुंडा और उसके सहयोगी दो लाख के इनामी नक्सली लोदरो लोहार सोमवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे। सुरेश सिंह मुंडा पर 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जबकि लोदरो पर करीब 20 मामले दर्ज हैं।
पुलिस दोनों को गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ कर रही है। पुलिस सुरेश सिंह मुंडा व लोदरो के जरिये एक करोड़ के इनामी नक्सली अनल दा तक पहुंचने की तैयारी में थी।
नक्सली सुरेश सिंह मुंडा एक करोड़ के इनामी अनल दा दस्ते के प्रमुख सदस्य था। बताया जाता है कि एक करोड़ के इनामी अनल दा और 25 लाख के इनामी मोछू के साथ सुरेश पोड़ाहाट इलाके में लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। पूर्व में वह जोनल कमांडर रहे कुंदन पाहन के लिए रांची और खूंटी इलाके में संगठन के लिए काम किया।
धनबाद में 25 लाख के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य राजेश संथाल उर्फ सोनुवा उर्फ टुडू उर्फ प्रभाकर उर्फ हरीश ने विशेष टीम की पूछताछ में बताया था कि छत्तीसगढ़ का एक एमबीबीएस डॉक्टर रफीक हार्डकोर नक्सली जीवन कंडुलना, सुरेश सिंह मुंडा, टीपू, महाराज प्रमाणिक को भी चिकित्सा करने के लिए प्रशिक्षित कर दिया है, जो बीमार नक्सलियों का इलाज करते हैं।
पूर्व विधायक के अंगरक्षक की हत्या में था शामिल
चार जनवरी को मनोहरपुर के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमले और अंगरक्षक की हत्या में सुरेश सिंह मुंडा भी शामिल था। विधायक के सुरक्षा तैनात दो जवानों की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी थी, जबकि एक जवान भागकर जान बचाया।
चक्रधरपुर में कोबरा बटालियन पर हमला करने के मामले में भी सुरेश सिंह मुंडा शामिल था। उल्लेखनीय है कि झारखंड पुलिस चार जोन में बांटकर नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चला रही है। इनमें एक जोन है सारंडा का जो सबसे बड़ा है।
इसमें सरायकेला-खरसांवा, खूंटी, रांची व पश्चिमी सिंहभूम का सीमावर्ती क्षेत्र, पारसनाथ क्षेत्र, गुमला, लोहरदगा और लातेहार का क्षेत्र तथा बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र जिसमें गढ़वा, पलामू, लातेहार आदि की सीमा सटती है।
इन क्षेत्रों में नक्सलियों का अलग-अलग गिरोह सक्रिय है। राज्य में चंद बड़े नक्सली ही पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। छुपकर वार करते हैं और पुलिस को लगातार चुनौती देते हैं।