पटना: कोरोना की दूसरी लहर से बिहार भी अछुता नही है। यहां भी संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। बेकाबू हो चुके संक्रमण की वजह से बिहार में काफी लोगों की मौतें हो रही है।
इतना ही नहीं मौतों की असल संख्या भी छिपाई जा रही है। सरकारी आंकड़ों से ज्यादा लाशें पटना के श्मशानों में फूंकी जा रही है।
बढ़ते संक्रमण की वजह से पटना के श्मशान घाटों पर लोगों को अपने स्वजनों के अंतिम संस्कार के लिए 6 से 8 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को पटना में सिर्फ 35 लोगों की मौतें हुई।
इनमें से 29 मौतें पटना के सरकारी अस्पतालों में हुई और 6 मौतें निजी अस्पतालों में। जबकि शुक्रवार को पटना के अलग अलग श्मशानों में करीब 74 लाशों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से हुआ।
इसके अलावा करीब 112 शवों का अंतिम संस्कार भी पटना के श्मशान घाटों पर हुआ।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 15 दिनों में करीब 1033 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के हिसाब से किया गया।
जबकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार पटना में पिछले 15 दिन में सिर्फ 452 मौतें कोरोना संक्रमण की वजह से हुई।
पिछले 15 दिन में सबसे ज्यादा मौतें 28 अप्रैल को हुई। 28 अप्रैल को पटना के सिर्फ दो श्मशान घाटों पर करीब 100 से ज्यादा लाशों का अंतिम संस्कार किया गया।
लेकिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार पटना में 28 अप्रैल को सिर्फ 50 मौतें ही हुई है।
मधेपुरा के पूर्व सांसद और जनअधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने भी सरकार पर कोरोना का असली आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाया।
सरकार के दावों की पोल खोलने के लिए पप्पू यादव शनिवार सुबह को पटना के अलग अलग श्मशान घाटों पर जाकर खुद से ही लाशों की संख्या गिनने लगे। पप्पू यादव ने इस दौरान अपने मोबाइल से वीडियो बनाकर लाशों की गिनती की।
पप्पू यादव के अनुसार शनिवार सुबह को पटना के बांस घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में करीब 64 शव रखे गए थे।
पप्पू यादव ने यह भी दावा किया कि एक दिन में हर श्मशान घाटों पर करीब 150 से ज्यादा लाशें आ रही है। लाशों को गिनने के दौरान पप्पू यादव सरकारी व्यवस्था और नेताओं पर भड़क उठे।
पप्पू यादव ने गुस्से में कहा कि इन श्मशानों में आकर नेताओं को भी जला देना चाहिए।बिहार में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 15853 नए मामले सामने आए।
साथ ही करीब 152 मौतें इस वायरस की वजह से हो गई। बिहार में वर्तमान में करीब 1 लाख से ज्यादा सक्रिय मामले हैं।