रांची : ऐसा कहा जा रहा है कि रजिस्ट्री ऑफिस में सर्वे (Survey in Registry Office) के दौरान एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नेताओं की संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं।
इन दस्तावेजों को जब्त कर सुरक्षित रखा गया है। सर्वे में मिले दस्तावेज की विधि विज्ञान प्रयोगशाला (Forensic Science laboratory) में जांच कराए जाने के बाद संबंधित नेताओं से पूछताछ हो सकती है।
21 अप्रैल को हुआ था सर्वे
गौरतलब है कि ED ने PMLA की धारा-16 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 21 अप्रैल को रजिस्ट्री कार्यालय में सर्वे किया था।
सर्वे का उद्देश्य सेना की जमीन की खरीद-बिक्री और चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेज जब्त करना था।
दस्तावेज में जालसाजी कर सेना के कब्जेवाली जमीन जगत बंधु टी स्टेट को बेच दी गई थी। जगत बंधु टी स्टेट का संबंध मनी लाउंड्रिंग के आरोपी कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल (Amit Agarwal) से है। चेशायर होम रोड की जमीन भी दस्तावेज में जालसाजी कर व्यापारी विष्णु अग्रवाल ने खरीदी है।
फॉरेंसिक जांच में यह हुई पुष्टि
फॉरेंसिंक जांच में दस्तावेज में जालसाजी करने की पुष्टि सामने आई है। रिपोर्ट में कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय (Kolkata Registry Office) में रखे गए दस्तावेज को दीमकों द्वारा अजीब तरीके से चाटने का उल्लेख किया गया है।
जांच में पाया गया है कि दीमकों (Termites) ने सिर्फ उन पन्नों को नहीं चाटा, जिन्हें जालसाजी कर बाद में जोड़ा गया। इन पन्नों के ऊपर और नीचे के हिस्से को दीमकों ने चाट लिया है।