अल नीनो की बढ़ रही संभावना, फसलों का हो सकता है नुकसान

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कानपुर: समुद्री गतिविधियों (Marine Activities) को देखते हुए यह कयास लगाया जा रहा है कि अल नीनो (El Nino) आएगा। यही नहीं El Nino की वजह से इस बार बारिश कम होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

माना जा रहा है कि इसकी वजह से इस बार कई राज्यों में सूखे की स्थिति (Drought Condition) रह सकती है। ऐसी स्थिति में किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA) के मौसम वैज्ञानिक (Meteorologist) डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने बताया कि मौसम का मिजाज कई बार समझ नहीं आ रहा है।

अल नीनो की बढ़ रही संभावना, फसलों का हो सकता है नुकसान Increasing possibility of El Nino, crops may be damaged

El Nino की वजह से इस बार बारिश कम होने की संभावना

दरअसल, प्रकृति के कई स्वरूप ऐसे होते हैं जिसको समझना बेहद मुश्किल है। शायद यही वजह है कि हम हर बार सोचते हैं कि आखिर इस बार प्रकृति कौन सा रंग दिखा रही है।

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सर्दियों (Winter) में गर्मी के जैसे हालात तो वहीं गर्मियों में और ज्यादा गर्मी दिखाती है। ऐसे में प्रकृति में कुछ तो बदलाव हो ही रहा है।

इसके साथ ही El Nino की वजह से इस बार बारिश कम होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। असल में अल नीनो प्रशांत महासागर में आने वाला एक तरह का मौसमी परिवर्तन (Seasonal Changes) या बदलाव है।

इसकी वजह से सर्दियों में गर्मी और गर्मी में और जायदा गर्मी रहती है। वहीं बारिश की संभावना भी इसमें कम हो जाती है।

अल नीनो की बढ़ रही संभावना, फसलों का हो सकता है नुकसान Increasing possibility of El Nino, crops may be damaged

कम हुई बारिश और बर्फबारी

CSA के मौसम वैज्ञानिक कहते हैं इस बार मौसम को अगर आप समझें तो फरवरी के महीने में ही 122 साल का रिकॉर्ड (Record) टूटा है।

वहीं इस बार अगर एक रिपोर्ट को आधार मानें तो करीब 119 जिलों में बारिश कम हुई है और सूखे जैसे हालात बने हैं। El Nino की वजह से इस बार सर्दियों के मौसम में पहाड़ी इलाकों में बर्फ बारी कम हुई और कुछ इलाकों में तो हुई ही नहीं।

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