नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को शहतूत बांध के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
29 करोड़ डॉलर की लागत वाले शहतूत बांध के निर्माण से काबुल में लगभग 20 लाख लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस सौदे पर मंगलवार दोपहर मोदी और गनी के बीच एक वर्चुअल बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके अफगान समकक्ष ने हस्ताक्षर किए।
साल 2001 के बाद से जब अमेरिका ने 9/11 आतंकी हमले के बाद तालिबान शासन के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी थी, भारत तब से अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं में लगा हुआ है।
भारत ने अब तक अफगानिस्तान में 400 से अधिक विकास परियोजनाओं पर लगभग तीन अरब डॉलर खर्च किए हैं।
वीडियो कॉन्फ्रें स के दौरान, दोनों नेताओं ने दोहराया कि इस क्षेत्र में एक आतंक मुक्त वातावरण और शांति होना आवश्यक है।
गनी ने मोदी के साथ सहमति जताते हुए कहा कि दक्षिण एशिया की स्थिरता और समृद्धि के लिए एक संप्रभु और एकजुट अफगानिस्तान जरूरी है।
गनी सरकार पिछले साल इस्लामवादी समूह और अमेरिका के बीच शांति समझौते के बाद तालिबान के साथ बातचीत कर रही है।
उन्होंने वर्चुअल बैठक में कहा, अफगानिस्तान के भीतर एकता महत्वपूर्ण है।
मुझे विश्वास है कि एक एकजुट अफगानिस्तान किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है।
गनी ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के विकास में एक सच्चा साझेदार है और कोई भी बाहरी ताकत अफगानिस्तान के विकास और भारत के साथ दोस्ती को नहीं रोक पाएगी।
अफगानिस्तान में हिंसा में हो रही वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए, मोदी ने कहा कि हमने हिंसा को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया है और हम फौरन एक व्यापक संघर्ष-विराम का समर्थन करते हैं।
उन्होंने शहतूत बांध के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने पर अपनी खुशी व्यक्त की, जो अफगानिस्तान की राजधानी में पीने के साथ-साथ सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएगा।
हालांकि इस्लामाबाद इसके विरोध में है और वह शिकायत कर रहा है कि यह पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत में पानी के प्रवाह को कम करेगा।
गनी ने मोदी को शहतूत समझौते और कोविड-19 वैक्सीन के लिए धन्यवाद दिया।
भारत पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट में निर्मित कोविड-19 टीकों के साथ अफगानिस्तान की सहायता कर रहा है।
सरकार ने रविवार को अफगानिस्तान को पांच लाख वैक्सीन की खुराक भेंट की।
भारत लगातार स्वास्थ्य से लेकर खाद्यान सहायता मुहैया कराते हुए अफगानिस्तान के नागरिकों को राहत पहुंचा रहा है।