नई दिल्ली: भारत ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के संघर्ष वाले क्षेत्रों से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिये रूस और यूक्रेन से स्थानीय युद्धविराम की मांग की है ताकि वह अपने शेष नागरिकों को सुरक्षित निकाल सके ।
भारत ने यह भी कहा कि उसे दोनों देशों द्वारा नागरिकों को संघर्ष वाले क्षेत्रों से निकलने देने के लिये सुरक्षित गलियारा बनाने के निर्णय पर अमल का इंतजार है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारा मुख्य जोर पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष वाले क्षेत्रों से भारतीय छात्रों को बाहर निकालने पर है तथा हम रूस एवं यूक्रेन से स्थानीय संघर्ष विराम सहित अन्य रास्ते तलाशने का आग्रह करते हैं ताकि अपने शेष नागरिकों को युद्धग्रस्त यूक्रेन के संघर्ष वाले इलाकों से निकाल सकें।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि लगभग 300 भारतीय खारकीव में और 700 सुमी में हैं । करीब 900 नागरिक पेसोचिन में थे जिनमें से अनेक को पांच बसों से बाहर निकाला गया है।
उन्होंने कहा कि भारत पूर्वी यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने पर ध्यान केंद्रित किये हुए है जिसमें खारकीव और सुमी शामिल हैं । उन्होंने कहा कि अनुमानित रूप से यूक्रेन में 2000 से 3000 के बीच भारतीय फंसे हो सकते हैं ।
बागची ने कहा कि भारत ने यूक्रेन से निकासी अभियान के तहत बांग्लादेश के एक नागरिक को निकाला है।
उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन ने बृहस्पतिवार को संघर्ष वाले क्षेत्र से नागरिकों को सुरक्षित निकासी में मदद के लिये मानवीय गलियारा बनाने की बात कही थी लेकिन अभी तक हमने कोई प्रगति नहीं देखी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ लगभग 300 भारतीय खारकीव में, 700 सुमी में हैं ।’’ उन्होंने कहा कि संघर्ष वाला इलाका है हालांकि हम सभी भारतीयों को लाने के लिये लगातार प्रयास कर रहे हैं ।
कुछ इलाकों से भारतीयों को निकालने में कठिनाई पेश आने से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ हम दोनों पक्षों से रास्ता तलाशने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि हम संघर्ष वाले क्षेत्रों से अपने नागरिकों को बाहर निकाल सकें । स्थानीय संघर्ष विराम से इसमें मदद मिलेगी ।’’
उन्होंने कहा कि इन इलाकों में गोलाबारी चल रही है, हम नहीं चाहते है कि हमारे छात्र ऐसी जगह से गुजरें जिससे उन्हें कुछ नुकसान होने की आशंका हो ।
बागची ने कहा कि ऐसे में हमारी दोनों पक्षों से गुजारिश होगी कि संघर्ष विराम, स्थानीय स्तर का संघर्ष विराम हो ताकि हम अपने लोगों को निकाल सकें ।
संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए बागची ने कहा कि हमने किसी भारतीय को वहां (यूक्रेन में) बंधक बनाये जाने के बारे में नहीं सुना है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा स्थिति के कारण कुछ इलाकों से निकलने में कठिनाई पेश आ रही है, खास तौर पर खारकीव और सुमी क्षेत्र से ।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हालांकि, मैंने किसी को बंधक बनाये जाने के बारे में नहीं सुना है। ’’
युद्धग्रस्त क्षेत्र में कुछ देशों के नागरिकों को रोके जाने एवं बंधक बनाये जाने संबंधी रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बयान के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि आपको हमेशा उस व्यक्ति से सवाल पूछना चाहिए जिसने बयान दिया है ।
गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक दिन पहले अपने सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ वीडियो कॉल में आरोप लगाया था कि यूक्रेन के राष्ट्रवादी समूह नागरिकों को निकलने से रोक रहे हैं।
पुतिन ने दावा किया था कि ये समूह नागरिकों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, रूसी सेना को उकसाने के लिए गोलीबारी कर रहे हैं।
रूस द्वारा भारतीयों को निकालने के लिये बसों की व्यवस्था करने से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में प्रवक्ता ने कहा कि जिन बसों की बात हो रही है, वे काफी दूर हैं और जिस स्थान पर छात्र हैं..वहां से 50-60 किलोमीटर दूर हैं ।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह युद्ध की स्थिति है और वे बसें दूर हैं । वहां तक हमारे बच्चे कैसे पहुंचेंगे । ऐसे में रूसी पक्ष वहां आए या यूक्रेन के लोग कोई व्यवस्था करें, तभी कुछ हो सकता है। स्थानीय संघर्ष विराम से मदद मिल सकती है। ’’
प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार को परामर्श के बाद खारकीव से निकल कर पिसोचिन में आए छात्रों को निकालने के प्रयास जारी हैं ।
उन्होंने बताया कि हमने पांच बसों की व्यवस्था की है जिसमें से दो बसें लीव के लिये रवाना हो गई हैं और 3 बसें माल्डोवा के लिये रवाना होने वाली है।
उन्होंने बताया कि हम छात्रों को वहां से निकालने के लिये कुछ और बसों की व्यवस्था करने में लगे हैं ।
बागची ने कहा कि युद्धग्रस्त देश को लेकर प्रथम परामर्श जारी होने के बाद करीब 20,000 भारतीय यूक्रेन की सीमा छोड़ चुके हैं ।
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत अब तक 48 उड़ानों से 10,300 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है ।
उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में 18 उड़ानें भारत में उतरी हैं और इसके जरिये करीब 4000 भारतीय वापस लाये गए हैं ।
बागची ने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले 24 घंटों में 16 उड़ानों के संचालन का कार्यक्रम है ।