मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर को काबू में कर लिया है। मगर केरल में जिस प्रकार से कोरोना बढ़ने लगा है उसे देखते हुए अब एक बार फिर महाराष्ट्र को चिंता सताने लगी है कि कहीं ये कोरोना की तीसरी लहर की आहट तो नहीं ?
जी हां, कोरोना के रोजाना के केसों में हो रहे इजाफे के कारण केरल में वीकेंड लॉकडाउन फिर लौटा है, यहां केस बढ़ते देख महाराष्ट्र की धड़कनें तेज़ हुई हैं, तमाम ज़िलों में अलर्ट है।
ख़ासतौर से वह ज़िले, जहां पॉजिटिविटी रेट बढ़कर राज्य के पॉजिटिविटी रेट से ऊपर गया है। राज्य के स्वा़स्य्ज़ मंत्री राजेश टोपे, केरल के ‘घटनाक्रम’ को तीसरी लहर की आहट के रूप में देख रहे हैं।
हालांकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए ) का कहना है कि ये दूसरी लहर का ही उछाल है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा, ‘केरल में मामलों में वृद्धि को तीसरी लहर की शुरुआत के रूप में देखा जा सकता है।
हमने ऑक्सीजन, बेड, मेडिकल स्टाफ और दवाएं तैयार रखने के लिए तमाम ज़िला कलेक्टर को अलर्ट किया है।सरकार और आईसीएमआर के अनुसार हमने बच्चों के लिए तैयारी पर जोर दिया है।’
भारत के जिन 22 जिलों की हालात चिंताजनक उनमें महाराष्ट्र के भी दो जिले
देश में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच, भारत के जिन 22 जिलों में हालात चिंताजनक बताए जा रहे हैं उनमें महाराष्ट्र के बीड और सोलापुर जिला भी शामिल हैं।
28 जून के डेटा से तुलना करें तो अभी बीड में संक्रमण का आंकड़ा 88 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं सोलापुर में 125 प्रतिशत के करीब। डेली पॉजिटिविटी रेट 4 प्रतिशत से बढ़कर 5.5 प्रतिशत के क़रीब पहुंचा है।
साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट के मामले में 9 ज़िले 5 प्रतिशत के क़रीब या इससे ऊपर पॉजिटिविटी रेट रिपोर्ट कर रहे हैं। जो राज्य के साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 3.8 प्रतिशत से अधिक हैं।
इनमें सबसे ज़्यादा पॉजिटिविटी रेट सतारा में 8.03 प्रतिशत है। पुणे में 7.23 प्रतिशत,कोल्हापुर में 7.18 प्रतिशत, सांगली में 6.91प्रतिशत, सिंधुदुर्ग में 6.49 प्रतिशत, सोलापुर में 5.90 प्रतिशत, अहमदनगर में 4.95 प्रतिशत,बीड में 4.88 प्रतिशत और रायगढ़ में 4.70 प्रतिशत है।
बीड का टीकाकरण कवरेज सबसे कम है। ज़िले में जिन व्यस्कों को टीका लगना है उनकी आबादी क़रीब 29 लाख है, लेकिन केवल 18 प्रतिशत ही वैक्सीन के दायरे में आए हैं।
दूसरी ओर, वैक्सीन के लिए सोलापुर की टार्गेट अडल्ट आबादी क़रीब 36 लाख है लेकिन डेढ़ लाख को ही पूरी तरह वैक्सीहनेट किया गया है।महाराष्ट्र की क़रीब 6 करोड़ से ज़्यादा आबादी अब भी टीके से दूर है।