India Helping Gaza: भारत ने गाजा में तत्काल तनाव कम करने और हिंसा रोकनेे का आह्वान किया है। भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में कहा कि इलाके में तत्काल तनाव कम करने और हिंसा से बचा जाना चाहिए।”
उन्होंने “सभी बंधकों को रिहा करने, उकसाने वाली और तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचने व शांति वार्ता को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने का भी आह्वान किया।
कंबोज ने कहा, भारत आतंकवाद (Terrorism) के सभी रूपों का हर समय विरोध करता रहा है।
उन्होंने कहा, “हिंसा को और बढ़ने व वहां होने होने वाली मौतों को रोकना जरूरी है। हर परिस्थिति में अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान होना चाहिए।”
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष में अब तक 30 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं, इनमें से ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं।
कंबोज ने गाजा संघर्ष के फैलने के खतरों के बारे में चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, “मानवीय संकट गहरा गया है और क्षेत्र अस्थिरता की ओर बढ़ रहा है।”
इस संघर्ष की गूंज लाल सागर में भी सुनाई दे रही है, जहां हौथियों ने जहाजों पर हमला किया है और अन्य देशों द्वारा जवाबी हमला किया गया है। लेबनान में इजराइली सेना और Hezbollah के बीच टकराव हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने गाजा में अकाल के आसन्न खतरे की चेतावनी दी है, जहां राहत आपूर्ति सीमित कर दी गई है।
कंबोज ने कहा, “भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है और आगे भी करता रहेगा।”
उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए गाजा के लोगों को मानवीय सहायता तुरंत बढ़ाई जाए।”
महासभा के अध्यक्ष Dennis Francis ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है कि संस्था को गाजा के संदर्भ में सुरक्षा परिषद के वीटो के मुद्दे को उठाना पड़ा।
उन्होंने तत्काल युद्धविराम और बंधकों को मुक्त करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा,” युद्ध से हुई हर मौत हमारे सामूहिक विवेक पर एक धब्बा है।”
अमेरिकी उप स्थायी प्रतिनिधि रॉबर्ट वुड ने अल्जीरिया के प्रस्ताव पर वीटो किए जानेे का बचाव करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव युद्ध विराम के लिए जारी प्रयासों को बाधित कर सकता था।
गौरतलब है कि 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में 13 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। अमेरिका ने वीटो किया था और ब्रिटेन अनुपस्थित रहा था।
रविवार को, अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ” कम से कम छह सप्ताह के लिए तत्काल युद्धविराम होना चाहिए।”
इससे पहले महासभा में फिलिस्तीन के स्थायी पर्यवेक्षक रियाद मंसूर ने भूख से मरने वाले एक बच्चे की तस्वीर दिखाते हुए इज़राइल पर भुखमरी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “इज़राइल फ़िलिस्तीनी लोगों पर बेलगाम अत्याचार कर रहा है।”
इजराइल के स्थायी प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने संयुक्त राष्ट्र पर तीखा हमला बोलते हुए इसे हमास का सहयोगी बताया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने इजराइल पर आतंकवादी हमले के लिए हमास की निंदा नहीं की है। एर्दान ने हमास के इजराइल पर हमले के दौरान महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार का एक वीडियो भी दिखाया।
उन्होंने कहा कि युद्धविराम हमास को महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार जारी रखने की हरी झंडी देगा।
बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में, संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि परमिला पैटन ने कहा कि इज़राइल और वेस्ट बैंक की उनकी यात्रा के दौरान पता चला कि पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए हमले के दौरान महिलाओं के साथ यौन हिंसा हुई। लेकिन यह स्थापित नहीं किया जा सकता है कि Hamas खुद यौन हमलों की घटनाओं में शामिल था।