गांधीनगर/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को कहा कि समय के साथ जो देश आधुनिक टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है।
तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है। लेकिन आज हम ये गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औदयोगिक क्रांति और इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी गांधीनगर में डिजिटल इंडिया वीक-2022 (Digital India Week-2022) के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने प्रौद्योगिकी को और अधिक सुलभ बनाकर लोगों को सशक्त बनाया है।
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी है, इसका उदाहरण भारत ने डिजिटल इंडिया अभियान के तौर पर पूरे विश्व के सामने रखा है।
मुझे खुशी है कि आठ वर्ष पहले शुरू हुआ ये अभियान, बदलते हुए समय के साथ खुद को विस्तार देता रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने गरीबों को भ्रष्टाचार से राहत दी है और यह सभी क्षेत्रों में बिचौलियों को खत्म करने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ 8-10 साल पहले की स्थितियों को याद कीजिए जब जन्म प्रमाणपत्र, बिल जमा करने, राशन, दाखिला, रिजल्ट और सर्टिफिकेट के लिए लाइन लगती थी लेकिन भारत ने इतनी सारी लाइनों का समाधान ऑनलाइन होकर किया।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (direct benefit transfer) के माध्यम से बीते 8 साल में 23 लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजे गए हैं। इस टेक्नोलॉजी की वजह से देश के 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं।
80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया
उन्होंने कहा कि गांव में सैंकड़ों सरकारी सेवाएं डिजिटली (government services digitally) देने के लिए पिछले 8 वर्ष में 4 लाख से अधिक नए कॉमन सर्विस सेंटर जोड़े जा चुके हैं। आज गांव के लोग इन केंद्रों से डिजिटल इंडिया का लाभ ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते आठ वर्षों में डिजिटल इंडिया ने देश में जो सामर्थ्य पैदा किया है, उसने कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में भारत की बहुत मदद की है।
उन्होंने कहा कि बीते 8 वर्षों में डिजिटल इंडिया ने देश में जो सामर्थ्य पैदा किया है, उसने कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में भारत की बहुत मदद की है।
अगर डिजिटल इंडिया अभियान न होता तो 100 साल में आये इस सबसे बड़े संकट के समय हम देश में क्या कर पाते? उन्होंने कहा कि दुनिया में इस बात की चर्चा हो रही है कि कैसे हम लोगों ने टीकाकरण के तुरंत बाद प्रमाणपत्र देने में कामयाब रहे हैं लेकिन कुछ लोगों का ध्यान इस बात पर था कि इन प्रमाणपत्रों पर मोदी की फोटो क्यों है।
उन्होंने कहा कि हमने देश की करोड़ों महिलाओं, किसानों, मज़दूरों, के बैंक अकाउंट में एक क्लिक पर हज़ारों करोड़ रुपए पहुंचाए।
वन नेशन-वन राशन कार्ड की मदद से हमने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया। हमने दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे कुशल कोविड टीकाकरण और कोविड राहत कार्यक्रम चलाया।
उन्होंने कहा कि आज भारत, अगले तीन-चार साल में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण (electronics manufacturing) को 300 बिलियन डॉलर से भी ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने मेरी पहचान’सेवा भी आमजन को समर्पित की
भारत चिप ट्रेकर से चिप मेकर बनना चाहता है। सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में तेजी से निवेश बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी टेक्नोलॉजी के लिए जरूरी माइंडसेट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। अटल इन्क्यूबेशन सेंटर का एक बहुत बड़ा नेटवर्क देश में तैयार किया जा रहा है।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक भारतीय भाषाओं में आसान पहुंच को सक्षम बनाने के लिए ‘डिजिटल इंडिया भाषिणी’ की शुरूआत की।
उन्होंने ‘डिजिटल इंजिया जेनेसिस’ की शुरुआत की जोकि टेक्नोलॉजी आधारित स्टार्टअप (technology based startups) का एक राष्ट्रीय मंच होगा। प्रधानमंत्री ने इंडिया स्टैक डॉट ग्लोबल की भी शुरूआत की।
प्रधानमंत्री ने सरकारी योजनाओं तक जनता की पहुंच को सुगम बनाने के लिए ‘माईस्कीम’ का शुभारंभ किया।
इसके अलावा उन्होंने ‘मेरी पहचान’सेवा भी आमजन को समर्पित की। प्रधानमंत्री ने ‘चिप्स टू स्टार्टअप’ कार्यक्रम के तहत समर्थित 30 संस्थानों के पहले समूह की भी घोषणा की।
इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और राजीव चंद्रशेखर भी मौजूद थे।