Martyr Anshuman’s wife went to her maternal home with everything! : शहीद Captain अंशुमान सिंह के माता-पिता ने सैनिक की मौत की स्थिति में परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता के लिए बनाए गए कानून में बदलाव की मांग की है। उन्होंने भारतीय सेना के निकटतम परिजन (NOK) मानदंड में बदलाव की मांग की है।
हमारे पास दीवार पर लटका बेटे की तस्वीर
एक टीवी चैनल में इंटरव्यू के दौरान शाहिद के पिता रवि प्रताप सिंह और उनकी पत्नी मंजू सिंह ने दावा किया कि उनकी बहू स्मृति सिंह ने उनका घर छोड़ दिया और अब उनके बेटे की मौत के बाद उन्हें ही अधिकांश अधिकार मिल रहे हैं।
उनके पास केवल एक चीज बची है, वह है उनके बेटे की दीवार पर टंगी हुई तस्वीर। उन्होंने कहा, “एनओके के लिए निर्धारित मानदंड सही नहीं है। मैंने इस बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की है। अंशुमान की पत्नी अब हमारे साथ नहीं रहती है।
शादी को बस पांच महीने हुए थे। उनका कोई बच्चा भी नहीं है। यह तय किया जाना चाहिए कि अगर शहीद की पत्नी परिवार में रहती है, तो किस पर कितनी निर्भरता है। शहीद कैप्टन की मां ने कहा कि वह चाहती हैं कि सरकार एनओके नियमों पर फिर से विचार करे, ताकि अन्य माता-पिता को परेशानी न उठानी पड़े।