नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वर्चुअल माध्यम से आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीनों के साथ भारत पूरी दुनिया की मानवता की रक्षा के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने जो सीखा, वही आत्मनिर्भर भारत अभियान की प्रेरणा बन गया।
वैश्विक महामारी के दौर में भारत ने अपनी क्षमता दिखाई। पहले पीपीई किट्स ,मास्क, वेंटीलेटर और टेस्टिंग किट बाहर से भारत मंगाता था, लेकिन आज इस कोरोना कालखंड में ही उसने ताकत बढ़ाई।
आज भारत न केवल आत्मनिर्भर बना है, बल्कि कई प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट करने लगा है।
आज भारत दुनिया में सबसे कम मृत्यु दर और सबसे तेज रिकवरी रेट वाले देशों में से एक है।
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत में योगदान विषय पर आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में कहा, आज भारत एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है।
दुनिया के हर जरूरतमंद तक जरूरी दवाएं पहुंचाने का काम भारत ने पहले भी किया है, आज भी कर रहा है।
दुनिया आज सिर्फ भारत की वैक्सीन का ही इंतजार नहीं कर रही है, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम भारत कैसे चलाता है, इस पर भी नजरें हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आप सभी ने जहां आप रह रहे हैं वहां और भारत में कोविड के खिलाफ लड़ाई में बड़ा योगदान किया है।
पीएम केयर्स में दिया गया आपका योगदान भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर रहा है। भारत ने जो नई व्यवस्थाएं विकसित की हैं उनकी कोरोना की इस समय में वैश्विक संस्थाओं ने प्रशंसा की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया के कोने-कोने से हमें भले इंटरनेट से जोड़ा गया है।
लेकिन हम सबका मन हमेशा से मां भारती से जुड़ा है, एक दूसरे के प्रति अपनत्व से जुड़ा है। दुनियाभर से हजारों साथियों ने भारत को जानिए क्विज कॉम्पीटिशन में हिस्सा लिया है।
ये संख्या बताती है कि जड़ से भले दूर हो जाएं, लेकिन नई पीढ़ी का जुड़ाव उतना ही बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी ने गरीब से गरीब को मजबूत करने का जो अभियान आज भारत में चल रहा है उसकी चर्चा विश्व के हर कोने में है, हर स्तर पर है।
उन्होंने कहा, बीता साल हम सभी के लिए बहुत चुनौतियों का साल रहा है, लेकिन इन चुनौतियों के बीच विश्वभर में फैले भारतीय मूल के साथियों ने जिस तरह काम किया है, अपना फर्ज निभाया है वो हम सभी के लिए गर्व की बात है। यही तो हमारी मिट्टी के संस्कार हैं।