नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के दौरान भारत मित्रवत विदेशी देशों को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) पहुंचा रहा है।
इसी हिस्से के रूप में चलाए जा रहे मिशन सागर-III के तहत भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस ‘किल्टन’ कंबोडिया के सिहानोकविले पोर्ट पहुंचा और बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सामग्री सौंपी।
भारत की ओर से भेजी गई यह सहायता दो मित्र देशों के बीच गहरे संबंधों को प्रतिबिंबित करती है।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार यह जहाज मध्य कंबोडिया के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भारत की ओर से भेजी गई 15 टन राहत सामग्री लेकर सोमवार की शाम पहुंचा था, जिसे आज राष्ट्रीय आपदा निवारण और नियंत्रण के लिए कंबोडिया की केंद्रीय संचालन समिति को सौंप दिया गया।
मिशन सागर-III प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के एसएजीएआर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण के अनुसार चलाया जा रहा है।
जो भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत की स्थिति को दोहराता है।
साथ ही भारतीय नौसेना को पसंदीदा सुरक्षा साझेदार और प्रथम उत्तरदाता के रूप में देखता है।
यह मिशन आसियान देशों को दिए गए महत्व को रेखांकित करने के अलावा दोनों देशों के बीच मौजूदा आपसी सम्बंधों को और मजबूत करता है।
नौसेना प्रवक्ता ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत और कंबोडिया मजबूत सांस्कृतिक संबंध साझा करते हैं।
सभी क्षेत्रों में बढ़ती व्यस्तताओं के कारण हाल के वर्षों में संबंधों में मजबूती आई है।
वर्तमान यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में योगदान करना चाहती है।
आईएनएस कल्टन की वर्तमान यात्रा दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाने का भी प्रयास है।
साथ ही दोनों देशों के बीच दोस्ती के मजबूत बंधन को आगे बढ़ाएगी और इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता में योगदान करेगी।
इससे पहले आईएनएस ‘किल्टन’ 25 दिसम्बर को मध्य वियतनाम के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 15 टन राहत सामग्री लेकर पहुंचा था, क्योंकि भारत और वियतनाम का रिश्ता भी दो सहस्राब्दियों से पुराना है।
जीवंत आर्थिक भागीदारी और आम हितों के मुद्दों पर बढ़ते सहयोग के कारण हाल के दिनों में भारत-वियतनाम संबंध मजबूत हुए हैं।
हो ची मिन्ह सिटी से प्रस्थान के बाद आईएनएस ‘किल्टन’ 26 से 27 दिसम्बर तक दक्षिण चीन सागर में वियतनाम पीपुल्स नेवी के साथ नौसैन्य अभ्यास करने के बाद सोमवार को कंबोडिया के सिहानोकविले पोर्ट पहुंचा है।