भारत ने कनाडा को सख्ती से कहा, अपने 41 राजनयिकों को बुलाएं वापस,10 अक्टूबर…

भारत ने साफ शब्दों में कहा है कि 10 अक्टूबर के बाद भी अगर ये राजनयिक भारत में रहते हैं तो इनकी राजनयिक छूट भी खत्म कर दी जाएगी

News Aroma Media
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India’s Ultimatum to Canada : भारत और कनाडा के बीच का विवाद (India and Canada Dispute) थम नहीं रहा। इसी बीच मोदी सरकार (Modi Government) ने कनाडा से 10 अक्टूबर तक भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहा है।

भारत ने साफ शब्दों में कहा है कि 10 अक्टूबर के बाद भी अगर ये राजनयिक भारत में रहते हैं तो इनकी राजनयिक छूट भी खत्म कर दी जाएगी।

 भारत ने कनाडा को सख्ती से कहा, अपने 41 राजनयिकों को बुलाएं वापस,10 अक्टूबर…-India strictly told Canada to call back its 41 diplomats, on October 10…

मोदी सरकार का बड़ा फैसला

भारत में कनाडा के 62 राजनयिक हैं। जिसे घटाकर मोदी सरकार ने 21 करने के लिए कहा है। यानी भारत सरकार ने कनाडा से अपने 41 राजनयिक को 10 अक्टूबर तक वापस बुलाने के लिए कहा है।

भारत ने पहले ही दे दिया था संकेत

Website ने आगे लिखा है कि कनाडाई विदेश मंत्रालय और भारत सरकार ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। लेकिन भारत ने डिप्लोमैट की संख्या को लेकर पहले ही कहा था कि दोनों देशों में राजनयिकों की मौजूदगी बराबर होनी चाहिए।

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21 सिंतबर को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रेस कॉन्फ्रेंस  के दौरान प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा था, ” भारत में कनाडाई राजनयिकों की संख्या भारत के कनाडा में राजनयिकों की संख्या से ज्यादा है। इसलिए इसे कम करने की जरूरत है। क्योंकि प्रत्येक देश दूसरे देश में तैनात राजनयिकों की संख्या और ग्रेड में समानता चाहता है।”

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क्या इस फैसले से स्थिति और बिगड़ेगी

विदेशी मामलों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कनाडाई सीनेट समिति (Canadian Senate Committee) के अध्यक्ष पीटर बोहेम के हवाले से Website ने आगे लिखा है कि भारत में मौजूद कनाडा के अतिरिक्त राजनयिकों को लेकर भारत सरकार के फैसले से स्थिति और बिगड़ेगी। इस फैसले के बाद दोनों देशों के बीच जारी तनाव को कम करना और कठिन हो जाएगा।

पीटर बोहेम (Peter Boehm) का कहना है कि कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो को भारत से इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं है। भारत को पता है कि कनाडा में ट्रूडो की अल्पमत सरकार है।

ऐसे में मोदी सरकार को पता है कि Trudeau की जवाबी कार्रवाई सीमित होगी। इसलिए भारत कनाडा को एक आसान निशाने के तौर पर देखता है।

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दोनों देशों के बीच तनाव जारी

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव तब उत्पन्न हो गया जब 18 सितंबर को कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या ( Terrorist Hardeep Nijjar Murder) में भारत का हाथ होने का आरोप लगाते हुए भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया। जिसके बाद भारत ने भी कनाडा के एक शीर्ष राजनयिक को पांच दिनों के भीतर देश से निकलने का आदेश जारी कर दिया था।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में बोलते हुए भारत पर आरोप लगाया था कि कनाडाई नागरिक हरदीप निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के पर्याप्त सबूत मिले हैं और यह हमारी संप्रुभता का उल्लंघन है।

ट्रूडो (Trudeau) ने कहा था कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और हरदीप निज्जर की हत्या के बीच कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही है।

भारत ने कनाडा के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि कनाडा में हिंसा (Canada Violence) की किसी भी घटना में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके और मोटिवेटेड (Absurd and Motivated) हैं।

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