न्यूयॉर्क: मंगल ग्रह पर मार्स रोवर पर्सिवियरेंस की सॉफ्ट लैंडिंग में अहम रोल निभाने वाली नासा की इंजीनियर स्वाति मोहन की तारीफ करते हुए बाइडेन ने कहा है कि अब भारतीय-अमेरिकी लोग अमेरिका की कमान संभाल रहे हैं। वे यहां हर जगह छाए हुए हैं।
मंगल ग्रह पर पर्सिवियरेंस की लैंडिंग कराने वाली नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) की टीम को इस सफलता की बधाई देने के लिए आयोजित की गई वर्चुअल मीटिंग में बाइडेन ने कहा, यह आश्चर्यजनक है।
भारतीय मूल के अमेरिकी इस देश को संभाल रहे हैं। आप, मेरी उप-राष्ट्रपति, मेरे भाषण लिखने वाले विनय। मैं आप लोगों को धन्यवाद कहना चाहता हूं।
बाइडेन ने प्रवासियों को लेकर कहा, हमारे देश के अतुलनीय होने का एक प्रमुख कारण यह है कि हमारा देश विविधता से भरपूर है। हम संयुक्त राज्य अमेरिका में दुनिया की हर संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ को सामने लाते हैं।
इस मौके पर भारतीयता की पहचान बिंदी को माथे पर सजाए मोहन ने कहा, इस शानदार, प्रतिभाशाली और विविधता से भरी टीम के साथ काम कर पाना, जो कि एक परिवार की तरह बन गई है। इसने तकनीकी चमत्कार करने में सालों लगाए हैं।
बचपन में मैं एक ट्रेक टीवी सीरीज देखने के बाद अंतरिक्ष की दुनिया की ओर आकर्षित हुई थी। आज इस टीम के साथ इसे समझने और वहां नई चीजें, नई जिंदगी खोजने के लिए काम कर रही हूं।
स्वाति मोहन ने पर्सिवरेंस के मंगल ग्रह पर लैंडिंग होने के पलों को याद करते हुए कहा कि सब कुछ बहुत अच्छे से हो रहा था फिर भी टीम घबराई हुई थी।
हम तब तक घबराए हुए थे, जब तक कि वह आखिर के 7 मिनट गुजर नहीं गए।
रोवर की सुरक्षित लैंडिंग को निर्देशित करने वाली मोहन ने कहा, मंगल ग्रह पर सुरक्षित तरीके से पहुंचने के बाद वहां की तस्वीरें देखना, जहां हम कभी जा नहीं पाए हैं और वहां जीवन की तलाश करना, ये सब ऐसा है जैसे मैं सपने में जी रही हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि हम मंगल ग्रह पर अतीत में रहे जीवन के संकेतों को खोज पाएंगे।
इस पर बाइडेन ने कहा, मैं आपको बताता हूं कि आप ऐसा महसूस करते हैं कि आप एक सपने में जी रहे हैं लेकिन आपने वाकई लाखों-करोड़ों युवाओं के एक नया सपना दिया है।
आपने एक ऐसा आत्मविश्वास दिया है कि हम वही देश हैं, जो चमत्कृत करता है।
आप सभी लोग कमाल के हैं और आपने अविश्वसनीय काम किया है।
इतना ही नहीं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कटाक्ष करते हुए बाइडेन ने कहा कि उन्होंने देश के एक ऐसे प्रमुख के बारे में सुना था कि वे महान चीजें करने के लिए बहुत करते थे, लेकिन वे एक कोरोनावायरस को हैंडल नहीं कर पाए।
जबकि ये चीजें बहुत मायने रखती हैं क्योंकि लोकतंत्रों को यह प्रदर्शित करना होगा कि वे कुशलता से चल सकते हैं।
बता दें कि मोहन के मार्गदर्शन में 18 फरवरी को पृथ्वी से लगभग 224 मिलियन मील की दूरी पर मंगल ग्रह पर रोवर पर्सिवरेंस ने जेजेरो क्रेटर को छुआ था। इस रोवर की गति लगभग 20,000 किमी प्रतिघंटा की थी।
वहीं अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों के जलवे की बता करें तो बाइडेन की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस, उनके भाषण लिखने वाले विनय रेड्डी समेत 20 भारतीय-अमेरिकी ऐसे हैं जो बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठतम पदों पर काम कर रहे हैं।
वहीं अंतरिक्ष और नासा को लेकर बात करें तो पहले भी 2 भारतीय महिलाएं इस क्षेत्र में कीर्तिमान बना चुकी हैं। अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स दो बेहद अहम अभियानों के तरह अंतरिक्ष में गईं।
जिनमें से कल्पना चावला की 2003 में धरती पर वापसी करते समय स्पेस शटल चैलेंजर के टूटने से मौत हो गई थी।