The price of mustard oil is increasing rapidly: इस समय सरसों की कीमतों में लगातार भारी बढ़ोतरी हो रही है। जिसके कारण लोगों को सरसों के तेल खरीदने में पसीने छूट रहे हैं। वहीं लगातार सरसों तेल की कीमत में बढ़ोतरी होने से किसानों को बड़ा लाभ हो रहा है।
जिन किसानों ने अभी तक अपनी सरसों नहीं बेची थी, वे अब ऊंची कीमतों पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। कई मंडियों में किसान अपनी सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से भी अधिक दरों पर बेच रहे हैं, जिससे उन्हें बड़ा लाभ मिल रहा है।
400 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल
गौरतलब है कि अगस्त से पहले सरसों की कीमतें काफी कम थीं, लेकिन उसके बाद किसानों को सरसों के भाव में अच्छी बढ़त देखने को मिली है।
आज देशभर की कई मंडियों में सरसों के दामों में लगभग 400 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल देखा गया है। अब किसानों को सरसों की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कहीं अधिक मिल रही हैं, जिससे उनके लिए अच्छी कमाई का अवसर बन गया है।
देशभर की कई मंडियों में सरसों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर निकल गए हैं। कई मंडियों में सरसों के भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक हो चुके हैं, जबकि सरकार ने इस साल MSP 5650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था।
हालांकि, इस बार का MSP पिछले साल की तुलना में अधिक है, लेकिन जो किसान अपनी सरसों को स्टॉक करके रखे हुए थे, वे अब इन ऊंचे दामों का फायदा उठा रहे हैं।
क्यों बढ़ रही है सरसों तेल की कीमत
सरसों के दामों में गिरावट का मुख्य कारण इस बार कम समर्थन मूल्य और विदेशी बाजार से सस्ते खाद्य तेल का आयात माना जा रहा है। इसके चलते व्यापारियों को सरसों का तेल महंगा पड़ रहा है।
हालिया तेजी से पहले, देशभर की कई मंडियों में 42 प्रतिशत तेल की गुणवत्ता वाली सरसों की कीमतें लगभग 5110 रुपये प्रति क्विंटल थीं, जो अब कई स्थानों पर 6000 रुपये प्रति क्विंटल से भी अधिक हो गई हैं।