Indian Navy in Qatar: कतर में आठ महीने पहले भारतीय नौसेना (Indian Navy) के 8 पूर्व अधिकारियों को जासूसी (Spying) करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
ये गिरफ्तारी पिछले साल सितंबर में हुई थी। इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) ने बयान जारी कर कहा है कि मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं। अरब देश कतर में 8 भारतीयों को 26 अक्टूबर को फांसी की सजा सुनाई गई। इन सभी पर जासूसी का आरोप है।
विदेश मंत्रालय ने कहा…
विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) ने कहा, ”हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।
इस मामले को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे।”
जासूसी करने का है आरोप
ये सभी ऑफिसर भारतीय नौसेना में अलग-अलग पोस्ट पर काम कर चुके हैं। उनके ऊपर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है। इन 8 लोगों में प्रतिष्ठित Officer भी शामिल हैं। इन्होंने कभी प्रमुख भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाली थी।
फिलहाल डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज (Technologies and Consultancy Services) के लिए काम कर रहे थे। ये एक प्राइवेट फर्म है, जो कतर के सशस्त्र बलों को ट्रेनिंग और इससे जुड़ी सर्विस मुहैया करती है।
8 भारतीयों के नाम
इन आठों पूर्व नौसैनिकों (Former Marines) के नाम हैं कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश। इन सभी को जासूसी के आरोप में पूछताछ करने के लिए इनके स्थानीय निवास से गिरफ्तार कर लिया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन 8 भारतीयों की जमानत याचिकाएं कई बार खारिज कर दी गई हैं। कतर के अधिकारियों ने उनकी हिरासत बढ़ा दी थी। गुरुवार को कतर की अदालत ने 8 भारतीयों को फांसी (Death) की सजा सुनाई।