न्यूयार्क: भारतीय मूल के एक फार्मास्युटिकल एक्जिक्यूटिव को टेक्सस के एक संघीय न्यायाधीश ने अवैध रूप से वर्कआउट सप्लीमेंट बेचने के लिए 41 महीने की जेल की सजा सुनाई है।
नॉर्थ टेक्सस के कार्यवाहक संघीय अभियोजक प्रेरक शाह ने शुक्रवार को 37-वर्षीय सीतेश पटेल को सप्लीमेंट्स के गलत इस्तेमाल से संबंधित एक षड्यंत्र के आरोप में सजा सुनाई।
न्याय विभाग के अनुसार, पटेल और उनके कई सह-प्रतिवादियों ने डलास में टेक्सस के उत्तरी जिला न्यायालय के समक्ष स्वीकार किया था कि उन्होंने उत्पादों की झूठी और भ्रामक लेबलिंग के साथ पदार्थों का आयात किया था।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, एसके लैबोरेटरीज के उपाध्यक्ष रहे पटेल ने लोकप्रिय वर्कआउट और वेट लॉस सप्लीमेंट्स के विकास और निर्माण में अहम भूमिका निभाई।
इन सप्लीमेंट्स को जैक-3डी और ऑक्सीएलाइट-प्रो के नाम से जाना जाता है।
वर्कआउट सप्लीमेंट्स दरअसल पूरक आहार उत्पाद हैं जिनका उपयोग एथलेटिक्स और व्यायाम के लिए ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।
पटेल ने अपने ऊपर लगे ऑक्सीएलाइट-प्रो के मिसब्रांडिंग के आरोपों को भी कबूल किया।
ऑक्सीएलाइट-प्रो को वर्ष 2013 में फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की जांच के बाद बाजार से वापस ले लिया गया था।
पटेल को शुक्रवार को संघीय न्यायाधीश सैम ए लिंडसे द्वारा सजा सुनाई गई थी, जिन्होंने एसके लैबोरेटरीज को इस मामले में 60 लाख डॉलर देने का आदेश दिया था।