अलवर: रेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को ढिगावड़ा-बांदीकुई रेलखण्ड के विद्युतीकरण कार्य का शुभारंभ किया।
इस मौके पर उन्होंने ढिगावड़ा-बांदीकुई रेलखण्ड पर पहली विद्युतीकृत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
ढिगावड़ा स्टेशन पर आयोजित समारोह में रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ दौसा सांसद जसकौर मीना, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ के विधायक जौहरीलाल मीना की गरिमामयी उपस्थिति रही।
रेल मंत्री गोयल ने कहा कि कल ही ढिगावड़ा-बांदीकुई रेलखण्ड को कमिश्नर फॉर रेलवे सेफ्टी से अनुमोदन प्राप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल चरणबद्ध तरीके से तेज गति एवं गुणवत्ता के साथ काम को आगे बढ़ा रही है और सबके सहयोग, टीम वर्क एवं प्रेरणा से बड़ी उपलब्धियां प्राप्त कर रही है।
गोयल ने कहा कि राजस्थान में 35 वर्ष पूर्व कोटा-मुम्बई लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य किया गया था।
इसके बाद इस क्षेत्र की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। वर्ष 2009-14 तक इस क्षेत्र में विद्युतीकरण का कार्य शून्य किलोमीटर था और इसकी आवश्यकता महसूस भी नहीं की गई।
2014 के बाद प्रधानमंत्री ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की तथा देश में नवीकरण ऊर्जा, रेल लाइनों का विद्युतीकरण एवं अन्य साधनों पर कार्य करने पर बल दिया।
रेलवे ने इस पर कार्य करते हुए पूरे भारत में शत-प्रतिशत रेल लाइनों के विद्युतीकरण का कार्य करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में वर्ष 2009 से 14 तक शून्य किलोमीटर विद्युतीकरण कार्य था जो कि विगत साढ़े पांच वर्षों (सितम्बर 2020 तक) में 1433 किलोमीटर किया गया।
यानी 240 किलोमीटर मार्ग का प्रतिवर्ष विद्युतीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में सोच में बदलाव आया है तथा हमारे काम करने के ढंग में भी बदलाव आया है।
आज इस लाइन के विद्युतीकरण होने के बाद रेवाड़ी से अजमेर तक का मार्ग विद्युतीकृत हो गया है।
अब दिल्ली से अजमेर तक शत-प्रतिशत विद्युतीकरण होने से जल्द ही इलेक्ट्रिक से संचालित ट्रेनें शुरू हो जाएंगी।
इन ट्रेनों के चलने के बाद डीजल से चलने वाली ट्रेनें बंद हो जाएंगी, जिससे प्रदूषण समाप्त होगा।
साथ ही बाहर से आने वाले इंधन पर निर्भरता भी खत्म होगी एवं आत्मनिर्भर भारत में उत्पादित बिजली से इनका संचालन किया जाएगा। इससे राजस्व में उल्लेखनीय बचत होगी।
इसके अतिरिक्त ट्रेनों की औसत स्पीड में बढ़ोतरी होगी और उद्योगों, कृषि आधारित व्यवसायों का विकास तथा ग्रामीणों एवं किसानों की प्रगति होगी।
किसानों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो, इसके लिए रेलवे द्वारा उनके कृषि उत्पादों के परिवहन के लिए किसान रेल का संचालन किया जा रहा है। किसानों के प्रगति के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
गोयल ने कहा कि वर्ष 2009-14 तक राजस्थान में औसत निवेश 682 करोड़ था, जो कि वर्ष 2014-20 में 4 गुणा बढ़कर 2800 करोड़ हो गया।
वर्ष 2009-14 तक मात्र 65 रोड अंडर ब्रिज और 4 ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था, जबकि गत साढ़े पांच वर्षों में 378 अंडर ब्रिज और 30 ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है।
वर्तमान में राजस्थान में 10 हजार करोड़ की लागत से 7 नई लाइन के कार्य, 13 हजार करोड़ की लागत से 9 दोहरीकरण के कार्य तथा 4 हजार करोड़ की लागत से 3 आमान परिवर्तन के कार्य किए जा रहे हैं।
इस क्षेत्र में पहले दोहरीकरण 41 किलोमीटर प्रतिवर्ष हो रहा था, जो अब बढ़कर 91 किलोमीटर प्रतिवर्ष किया जा रहा है।
रेल मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान रेल परिवार ने जिस कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य किया है वह सराहनीय है।
लॉकडाउन के समय जब ट्रेनों का संचालन बंद था तब लम्बित पड़े अनुरक्षण कार्यों को पूरा किया गया तथा प्रवासी श्रमिकों को राहत देने के लिए कुशल प्रबंधन से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया।
गत 21 महीनों में रेलवे में किसी भी दुर्घटना में एक भी जान नहीं गई है, यह रेल कर्मचारियों की संरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता है।
आत्मनिर्भर भारत की बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्लास्टिक मुक्त तथा पर्यावरण अनुकूल वातावरण के लिए रेलवे के सभी स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।