Indian Rupee may Weaken in Trump 2.0: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) होंगे। वो 2025 की 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसी के साथ ट्रंप का दूसरा कार्यकाल शुरू हो जाएगा।
ट्रंप का अमेरिका का राष्ट्रपति (President of America) बनना भारत के लिहाज से अच्छा माना जा रहा है। हालांकि, ट्रंप 2.0 में भारतीय रुपया कमजोर हो सकता है। हाल ही में SBI की एक रिपोर्ट आई है।
इस रिपोर्ट में ट्रंप की वापसी पर भारत और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर असर को लेकर अनुमान लगाया है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि ट्रंप 2.0 में रुपया 8 से 10 फीसदी तक टूट सकता है। अगर ऐसा हुआ तो रुपया सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगा।
रुपया और न गिरे, इसके लिए रिजर्व Bank of India अपने विदेशी मुद्रा भंडार से और विदेश से डॉलर खरीदकर बाजार में उसकी मांग पूरी करने की कोशिश करता है।
SBI की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि ट्रंप 2.0 में एक डॉलर की तुलना में रुपये का भाव गिर सकता है। हालांकि, कुछ समय बाद रुपये में मजबूती की उम्मीद भी जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप के पहले कार्यकाल में रुपया 11 फीसदी तक कमजोर हुआ था।
अब दूसरे कार्यकाल में रुपया 8 से 10 फीसदी कमजोर होने का अनुमान लगाया गया है। SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि ओबामा के दूसरे कार्यकाल यानी 2012 से 2016 के बीच रुपया लगभग 29 फीसदी तक कमजोर हो गया था। ट्रंप के पहले कार्यकाल में इसमें 11 फीसदी की गिरावट आई थी।
अभी एक डॉलर का भाव 84 रुपये से ज्यादा है
बाइडेन (Biden) सरकार में अब तक रुपया 14.5 फीसदी तक कमजोर हो चुका है। बाइडेन सरकार की तुलना में ट्रंप के पहले कार्यकाल में रुपया कम कमजोर हुआ था। और दूसरे कार्यकाल में ये 10 फीसदी तक कमजोर हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन सरकार में एक डॉलर की औसत कीमत 79.3 रुपये रही। अभी एक डॉलर का भाव 84 रुपये से ज्यादा है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में एवरेज एक्सचेंज रेट 69.2 रुपये था।
दूसरे कार्यकाल में ये 87 से 92 रुपये तक पहुंच सकता है। डॉलर की तुलना में रुपये को मजबूत बनाए रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर को रखना बहुत जरूरी है।
RBI के मुताबिक, 1 नवंबर 2024 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 589.84 अरब डॉलर था। अगर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में उतना डॉलर है, जितना अमेरिका के भंडार में रुपया है, तो रुपये की कीमत स्थिर रहेगी। अगर डॉलर कम हुआ तो रुपया कमजोर होगा और डॉलर ज्यादा हुआ तो रुपया मजबूत होगा।