नई दिल्ली: अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरों के बावजूद रूस से खरीदे जा रहे एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का प्रशिक्षण लेने के लिए भारत का पहला बैच मास्को रवाना हुआ।
रूसी दूतावास ने मंगलवार को एस-400 प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए रूस जाने वाले भारतीय सैन्य विशेषज्ञों के एक समूह के सम्मान में एक समारोह की मेजबानी की।
इस दौरान अपने स्वागत भाषण में भारत में रूसी राजदूत निकोले आर. कुदाशेव ने कहा कि एस-400 आपूर्ति पर समझौता रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का स्तंभ है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान 15 अक्टूबर, 2016 को भारत और रूस ने पांच एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की आपूर्ति के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
अमेरिकी प्रतिबंधों की धमकी को नजरअंदाज करते हुए 5 अक्टूबर, 2018 को 5.43 बिलियन डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये के समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए गए।
इसके साथ ही भारत रूसी पक्ष को अनुबंध के तहत अग्रिम भुगतान कर चुका है और अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए एक और भुगतान तंत्र पर काम कर रहा है।
अनुबंध के अनुसार पांचों एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति अप्रैल, 2023 तक पूरी हो जाएगी।
रूस के साथ यह सौदा होते ही अमेरिका ने भारत को प्रतिबंधों की इसलिए धमकी दी, क्योंकि भारत ने अमेरिकी मूल के एयर डिफेंस सिस्टम पैट्रियट पीएसी 3 की बजाय रूसी एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को चुना।
सतह से हवा में मार करने वाली यह रूसी मिसाइल प्रणाली 400 किमी. तक की दूरी और 30 किमी. तक की ऊंचाई पर लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है।
भारत और रूस के बीच यह सौदा इसलिए भी आगे बढ़ा, क्योंकि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ 8 माह से गतिरोध चल रहा है।
भारत को चीन की रक्षा क्षमताओं को किनारे करने के लिए इस प्रणाली की आवश्यकता है।
अनुबंध के अनुसार एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम एस-400 का प्रशिक्षण लेने के लिए भारत 100 सैनिकों को रूस भेज रहा है। अधिकारियों की दूसरी टीम बाद में रूस पहुंचेगी।
मंगलवार को भारत में रूसी दूतावास ने इनके सम्मान में एक प्रोटोकॉल कार्यक्रम आयोजित किया।
गर्मजोशी के साथ दोस्ताना माहौल में आयोजित किये गये इस कार्यक्रम में मास्को रवाना होने वाले भारतीय सेना के इस समूह के सम्मान में रूसी दूतावास ने विदाई समारोह की मेजबानी की।
इस दौरान अपने स्वागत भाषण में भारत में रूसी राजदूत निकोले आर. कुदाशेव ने कहा कि एस-400 आपूर्ति पर समझौता रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का स्तंभ है।
यह समझौता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग का हिस्सा है।
प्रतिभागियों ने रूसी दूतावास के अलेक्जेंडर एम. कदाकिन संग्रहालय का दौरा भी किया।