बांसवाड़ा/नई दिल्ली: PM Narendra Modi (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) ने मंगलवार को कहा कि आजादी के बाद लिखे गए इतिहास में आदिवासी समुदाय (Tribal Community) के संघर्ष और बलिदान को उनका सही स्थान नहीं मिला। आज देश उस दशकों पुरानी गलती को सुधार रहा है।
प्रधानमंत्री बांसवाड़ा में ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे
प्रधानमंत्री आज राजस्थान (Rajasthan) के बांसवाड़ा में ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इससे पहले उन्होंने राजस्थान के मानगढ़ में 1913 में ब्रिटिश सेना द्वारा मारे गए भील स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु सहित अन्य आदिवासियों को श्रद्धांजलि दी।
मोदी ने कहा, “आदिवासी समुदाय के बिना भारत (India) का अतीत, वर्तमान और भविष्य अधूरा है। हमारे स्वतंत्रता संग्राम का हर कदम, इतिहास के पन्ने आदिवासी वीरता से भरे हुए हैं।”
मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक बताते हुए प्रधानमंत्री (Primeminister) ने कहा, “आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ (Amrit Mahotsav) में हम सभी का मानगढ़ धाम आना, ये हम सभी के लिए प्रेरक और सुखद है।
मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या और देशभक्ति का प्रतिबिंब है। ये राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की साझी विरासत है।” उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किए गए बलिदानों के हम ऋणी हैं।
गोविंद गुरू परंपराओं और आदर्शों के प्रतिनिधि थे
भील स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु को नमन करते हुए मोदी ने कहा, “गोविंद गुरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपराओं और आदर्शों के प्रतिनिधि थे।
वह किसी रियासत के राजा नहीं थे लेकिन वह लाखों आदिवासियों के नायक थे। अपने जीवन में उन्होंने अपना परिवार खो दिया लेकिन हौसला कभी नहीं खोया।”
उल्लेखनीय है कि 17 नवंबर 1913 को श्री गोविंद गुरु (Shree Govind Guru) के नेतृत्व में 1.5 लाख से अधिक भीलों ने मानगढ़ पहाड़ी पर सभा की थी।
इस सभा पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाईं, जिससे मानगढ़ नरसंहार हुआ और लगभग 1500 आदिवासी शहीद हो गए थे। भारत का अतीत, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का अतीत, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज (Tribal Community) के बिना पूरा नहीं होगा। हमारी आजादी की लड़ाई का पग-पग, इतिहास का पन्ना-पन्ना आदिवासी वीरता से भरा पड़ा है।
उन्होंने कहा कि गोविंद गुरु (Govind Guru) का वो चिंतन, वो बोध, आज भी उनकी धुनी के रूप में, मानगढ़ धाम में अखंड रूप से प्रदीप्त हो रहा है।
और उनकी सम्प सभा, यानि समाज के हर तबके में सम्प भाव पैदा हो, सम्प सभा के आदर्श, आज भी एकजुटता, प्रेम और भाईचारा की प्रेरणा दे रहे हैं।
देश के अलग-अलग हिस्सों में अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की अलख जगाने वालों को याद करते हुए मोदी ने कहा कि 1857 की क्रांति से पहले 1780 में संथाल में तिलका मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम लड़ा गया।
1830-32 में बुधू भगत के नेतृत्व में देश लरका आंदोलन का गवाह बना। 1855 में आजादी की यही ज्वाला सिधु-कान्हू क्रांति के रूप में जल उठी।
प्रधानमंत्री ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को याद किया
आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा (Birsa Munda) को याद करते हुए मोदी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा (Bhagwan Birsa Munda) ने लाखों आदिवासियों (Tribals) में आजादी की ज्वाला प्रज्ज्वलित की।
उन्होंने कहा कि आज से कुछ दिन बाद ही 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देश जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) मनाएगा।
आदिवासी समाज के अतीत और इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए, आज देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित विशेष म्यूजियम (Museum) बनाए जा रहे हैं।
आदिवासी समाज की सेवा के लिए आज देश स्पष्ट नीति के साथ काम कर रहा है
उन्होंने कहा कि देश में आदिवासी समाज (Tribal Community) का विस्तार और भूमिका इतनी बड़ी है कि हमें उसके लिए समर्पित भाव से काम करने की जरूरत है।
राजस्थान (Rajasthan) और गुजरात (Gujarat) से लेकर पूर्वोत्तर और उड़ीसा (Odisa) तक विविधता से भरे आदिवासी समाज की सेवा के लिए आज देश स्पष्ट नीति के साथ काम कर रहा है।
आदिवासी क्षेत्र डिजिटल इंडिया से भी जुड़ रहे हैं
वन बंधु कल्याण योजना (Van Bandhu Kalyan Yojana) सहित तमाम कदमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि देश में वन क्षेत्र भी बढ़ रहे हैं, वन संपदा भी सुरक्षित की जा रही है, साथ ही आदिवासी क्षेत्र डिजिटल इंडिया (Digital India) से भी जुड़ रहे हैं, पारंपरिक कौशल के साथ-साथ आदिवासी युवाओं को आधुनिक शिक्षा के भी अवसर मिले, इसके लिए एकलव्य आदिवासी विद्यालय (Eklavya Tribal School) भी खोले जा रहे हैं।
समारोह में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राज्यपाल मंगूभाई पटेल (Mangubhai Patel) , मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivaraj Singh Chauhan) , राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gahlot) , गुजरात (Gujrat) के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल (CM Bhupinder Patel) , केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और फगन सिंह कुलस्ते सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।