इंदौर: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सबसे बड़े इंदौर के एमवाय अस्पताल के मुर्दाघर में लड़कियों के साथ रंगरेलियां मनाने की तस्वीरें वायरल होने के बाद प्रशासन ने दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी है, एक को निलंबित किया गया है और चिकित्सक को कारण बताओ नेाटिस जारी किया गया है।
एमवाय अस्पताल की मर्चयुरी की तस्वीरें एक समाचार पत्र में प्रकाशित हेाने के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें कुछ कर्मचारी युवतियों के साथ नजर आ रहे थे।
इस मामले में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कार्रवाई की है।
सभी अस्पतालों की मॉर्चुरी में मरीजों की मौत के बाद शव रखा जाता है। इंदौर के महराजा यशवंतराव अस्पताल में भी यहीं होता है। मगर हमारी और आपकी सोच से विपरीत इस अस्पताल की मॉर्चुरी का नजारा होता है।
सोशल मीडिया पर एक मरीज के परिजनों ने कुछ तस्वीरें वायरल की हैं। इन तस्वीरों में मॉर्चुरी में तैनात कर्मचारी, रात में लड़कियों के साथ हवस की भूख मिटा रहे हैं।
कई दिनों से ला रहे थे लड़की
मॉर्चुरी में काम का ठेका यूडीएस कंपनी को है। लोग बताते हैं कि ये कर्मचारी कई दिनों से यहां लड़की लेकर आ रहे थे।
वहीं, कंपनी ने तर्क दिया है कि हमने कर्मचारियों को सात दिन के लिए निलंबित कर दिया है।
कंपनी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि लड़कियां उनकी रिश्तेदार थीं, वह उनके लिए खाना लेकर आती हैं। हम जांच कर रहे हैं।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष एवं संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने एमवाय अस्पताल की मॉर्चुरी में अनुबंध पर कार्यरत एचएलएल हाइट्स (जो कि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन उपक्रम है) के दो कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी।
इसके अलावा एचएलएल हाइट्स को उचित आर्थिक दंड भी देना आदेशित किया है।
डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि मच्र्युी में कार्यरत कर्मचारी वार्ड बॉय मुकेश अंजाना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है तथा मॉर्चुरी विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ. बजरंग सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
मॉर्चुरी में काम करने वाले दोनों कर्मचारी आउटसोर्सिंग के जरिए रखे गए थे। तस्वीर सामने आने के बाद कंपनी ने दोनों को हटा दिया है।
एमवाय अस्पताल के अधीक्षक पीएस ठाकुर ने बताया कि दोनों कर्मचारियों को बाहर करने के बाद कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल उठ रहे हैं।