नई दिल्ली: किसान आंदोलन का आज 38वां दिन है, प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं। किसान आंदोलन की वजह से पिछले डेढ़ महीने में कारोबार करीब 50 फीसदी तक घटा है।
कच्चे माल की सप्लाई कम होने से मैन्युफैक्चरिंग धीमी हुई।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित कुंडली इंडस्ट्रियल एरिया एक महीने में कारोबार 50 फीसदी घटा गया है। ऑर्डर के बावजूद डिलीवरी नहीं हो पा रही है।
कच्चे माल की सप्लाई में कमी आई है। ट्रांसपोर्टर हर खेप पर 3000-3500 रु ज़्यादा ले रहे हैं।
माल तैयार है पर डिलीवरी के साधन नहीं हैं। काम करने के लिए वर्कर फैक्टरियों में नहीं पहुंच पा रहे हैं।
काम की कमी को देखते हुए वर्कर्स को एक दिन छोड़कर बुलाया जा रहा है।
कच्चा माल वेयरहाउसों में सड़ रहा है। इनपुट कॉस्ट बढ़ा है पर पुराने प्राइस पर ही डिलीवरी करनी है।
दिन का 6-7 घंटा आने जाने में ही खर्च हो रहा है। इस बीच किसान आंदोलन के दौरान पंजाब में टेलीकॉम टावर पर हुए हमलों की टेलीकॉम कंपनियों, टावर कंपनियों और इंडस्ट्री चैंबर्स ने कड़ी निंदा की है।
राज्य में करीब 1600 टावरों को निशाना बनाया गया है। कंपनियों ने टावरों के साथ-साथ कर्मचारियों की भी सुरक्षा मांगी गई है।
तोड़फोड़ हुई, टावरों की बिजली और ऑप्टिकाल फाइबर काट दिए गए और जनरेटर्स को भी जला दिया गया। टेलीकॉम कंपनियों के साथ-साथ इंडस्ट्री चैंबर्स ने इसकी कड़ी निंदा की है।