नागपुर: महाराष्ट्र (Maharashtra) के एक मंत्री पर स्याही हमले (Ink Attack) के कुछ दिनों बाद राज्य विधानमंडल (State Legislature) ने अतिरिक्त सुरक्षा सावधानियों को लागू किया है।
जिसके तहत राज्य विधानसभा परिसर में स्याही वाले पेन (Ink Pen) रखने पर प्रतिबंध (Ban) लगा दिया गया है।
शीतकालीन सत्र स्याही वाले पेन के साथ प्रवेश पर लगा दी गई रोक
आज पहले दिन विधानसभा में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के पेन की जांच की गई। कम से कम 3 विधायकों ने बताया कि शीतकालीन सत्र (Winter Session) के लिए विधानसभा में प्रवेश कर रहे विधायकों और विधान पार्षदों के पास स्याही का पेन नहीं था।
वहां जाने वाले सभी लोगों की जांच की गई और स्याही वाले पेन (Ink Pen) के साथ प्रवेश पर रोक लगा दी गई।
BJP के नेता चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने हाल ही के दिनों में ऐतिहासिक व्यक्तित्वों की निंदा की थी, इसलिए उनपर स्याही हमला किया गया था।
इस घटना के कारण कई पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया और यहां तक कि एक स्थानीय पत्रकार को भी उनके कवरेज के लिए पकड़ा गया था, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया।
चंद्रकांत पाटिल हेलमेट पहने हुए और कड़ी सुरक्षा कवच के बीच देखे गए
चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया कि अगर स्याही उनकी आंखों में चली जाती तो उन्हें कैंसर (Cancer) हो सकता था। वहीं विपक्ष ने उनकी इस बात को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने मानसिक संतुलन खो दिया है इस तरह की स्याही फेंके जानें से किसी की मौत नहीं हुई है।
गौरतलब है कि 10 दिसंबर की घटना के बाद पाटिल पिछले हफ्ते स्याही हमले धमकियां मिलने के बाद एक अन्य समारोह में हेलमेट (Helmet) पहने हुए और कड़ी सुरक्षा कवच के बीच देखे गए थे।