नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के मंडावली थाने में तैनात इंस्पेक्टर (एटीओ) पुष्पलता ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया है।
महिला इंस्पेक्टर का आरोप है कि टिकैत जुबान से कुछ और इशारों में कुछ और कह रहे थे।
उनका इरादा किसानों को तय रूट पर न भेजकर दिल्ली की ओर भेजना था।
पुष्पलता और उनके साथ मौजूद महिला एसआई सुमन कुशवाहा जब बैरिकेड तोड़ रहे ट्रैक्टरों पर लटककर उसको रोकने की कोशिश कर रही थीं तो टिकैत ने देसी अंदाज में कहा, “ए छोरियों हट जाओ, क्या ट्रैक्टर के नीचे आना है।”
पुष्पलता ने बताया कि किसानों की भीड़ के आगे फोर्स कम थी।
किसान जबरन बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली की ओर निकल गए। इंस्पेक्टर पुष्पलता ने बताया कि वह मूलरूप से गांव चांदतारा, खरखौदा, मेरठ की रहने वाली हैं।
26 जनवरी को उनकी ड्यूटी गाजीपुर अंडरपास पर थी। ट्रैक्टर रैली को यहीं से मुड़कर आनंद विहार की ओर जाना था।
सुरक्षा बलों को वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया था कि रैली दोपहर 12 बजे शुरू होगी, लेकिन 9.30 बजे से ही किसानों ने अपनी रैली शुरू कर दी।
इस बीच कुछ किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर एनएच-24 की सर्विस लेन से दिल्ली की ओर कूच करने का प्रयास किया तो वह एसआई सुमन के साथ ट्रैक्टर के आगे आ गईं।
उस समय राकेश टिकैत भी वहां मौजूद थे।
पुष्पलता के मुताबिक टिकैत ने किसानों को रोकने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं कहा।
किसान बैरिकेड तोड़ रहे थे तो वह दिखावे के लिए उनको आनंद विहार की ओर जाने के लिए कह रहे थे।
पुष्पलता के मुताबिक जिस ट्रैक्टर पर वह लटकी थीं, उस ट्रैक्टर चालक ने रेस देकर उनको डराने का प्रयास किया, लेकिन वह बिल्कुल भी नहीं डरीं।
आखिर में उस ट्रैक्टर वाले को आनंद विहार की ओर ही जाना पड़ा।
राकेश टिकैत को नोटिस
ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने किसान नेताओं को उसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
इसी कड़ी में गुरुवार को दिल्ली पुलिस की ओर से राकेश टिकैत को एक नोटिस जारी किया गया।
नोटिस में कहा गया कि उन्होंने वादा खिलाफी की है।
पुलिस ने टिकैत से तीन दिनों के भीतर हिंसा करने वाले आरोपियों के नाम भी बताने के लिए कहा है।
दिल्ली पुलिस की ओर से भेजा गया नोटिस गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पर लगे उनके टेंट पर चिपका दिया गया।
पुलिस ने क्यों नहीं चलाई गोली
ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद राकेश टिकैत का एक बयान सामने आया। बयान में टिकैत कहते हुए नजर आ रहे हैं कि यदि किसान लालकिला पर चढ़ गया था तो पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई।
गुरुवार को टिकैत का यह बयान चर्चाओं में रहा। पुलिस से गोली चलवाकर टिकैत क्या चाहते थे।
कहीं इसके पीछे और बड़ी हिंसा की साजिश तो नहीं थी। पुलिस इन सब सवालों के जवाबों को ढूंढने में लगी है।