घबराने की जरूरत नहीं, मोबाइल का अधिक यूज करने वालों को ब्रेन ट्यूमर का खतरा नहीं

रिसर्चर्स ने निष्कर्ष निकाला कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों और नहीं करने वालों के बीच Brain Tumor होने के रिस्क में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं था ICRA के रिसर्च ऑन कैंसर संबंधी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में किया गया दावा

News Desk

“No Brain Tumor Risk for Excessive Mobile Users” : ताजा स्टडी से यह जानकारी मिली है कि मोबाइल के ज्यादा यूज से ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) का खतरा नहीं है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के तहत काम करने वाली एजेंसी ICRA यानी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर और oxford university की नई स्टडी ने एक चल रहे Project के बारे में बताया है,

जिसके जरिए पिछले 20 से ज्यादा सालों से यूके में लगभग 10 लाख महिलाओं की हेल्थ पर नजर रखी जा रही है। इसके निष्कर्ष बताते हैं कि ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते जोखिम और मोबाइल फोन के इस्तेमाल के बीच कोई संबंध नहीं है।

रिसर्चर्स ने बताया कि स्टडी में 7 लाख 76 हजार से ज्यादा महिलाओं को शामिल किया गया। सभी प्रतिभागियों ने दो दशक (20 सालों) तक रोजाना मोबाइल का यूज किया।इसमें पता चला कि जिन लोगों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कभी नहीं किया, उनकी तुलना में मोबाइल का यूज करने वालों में ब्रेन ट्यूमर का कोई खतरा नहीं होता।

रिसर्चर्स ने निष्कर्ष निकाला कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों और नहीं करने वालों के बीच Brain Tumor होने के रिस्क में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं था। इसके अलावा जिन लोगों ने 10 साल से ज्यादा समय तक रोजाना मोबाइल यूज किया, उनमें भी किसी तरह का कोई ट्यूमर नहीं हुआ।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी अस्पताल (Oxford University Hospital) में मेडिकल Physics और क्लिनीकल इंजीनियरिंग के डायरेक्टर, प्रोफेसर मैल्कम स्पेरिन ने कहा कि ये स्टडी मोबाइल फोन से होने वाले खतरे को देखते गए स्वागत योग्य है।

इसके नतीजों से मौजूदा समय में लोगों में मोबाइल को लेकर जो भ्रम बना हुआ है उसे दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके दुष्प्रभाव को लेकर उनकी टीम आगे और भी जांच करेगी। मालूम हो कि आजकल के लाइफस्टाइल (Lifestyle) में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं।

आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो हर वक्त अपना मोबाइल अपने साथ ना रखता हो। इस संबंध में कैंसर के खतरे की बात कही जा रही थी, लेकिन अब नए रिसर्च से इसकी आशंका समाप्त हो गई है।