न्यूयार्क: अमेरिका ने कोरोना महामारी के बीच स्थायी रेजीडेंसी पॉलिसी को लेकर नई रणनीति बनाई है जिसके तहत डाक्टरों की कमी को दूर किए जाने की योजना है।
इसके तहत विशेषतौर पर देहात क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की रणनीति बनाई गई है जिससे अमेरिका में बसे हजारों भारतीय डाक्टरों को फायदा होगा।
दरअसल अमेरिका में काम करने वाले अन्य देशों के डाक्टरों को स्थानीय निवास यानि पीआर को लेकर कई कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान अमेरिकी नियमों के अनुसार अप्रवासियों को उनकी रेजीडेंसी पूरी होने के बाद अनिवार्य रूप से पहले दो साल के लिए अपने देश लौटना पड़ता है, उसके बाद ही वे अमेरिका में ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन नए कानून में यह प्रविधान समाप्त हो सकता है।
द्विपक्षीय दलों के सांसदों ने इसके लिए फिर कानून लाने के प्रस्ताव सहमति बना ली है।
विधेयक को दोबारा पेश करने के लिए सीनेट में स्वास्थ्य, शिक्षा और श्रम कमेटी के सदस्य जेकी रोशेन व अन्य सांसदों ने पहल शुरू की है।
यह कानून पास हो जाता है तो अन्य देशों के डाक्टरों का वहां रहकर काम करना आसान हो जाएगा और इसका सबसे अधिक लाभ भारतीयों को होगा।