काबुल: अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई हशमत गनी अहमदजई ने आतंकवादी संगठन तालिबान के साथ हाथ मिला लिया है।
कुचिस की ग्रैड काउंसिल के प्रमुख हशमत गनी अहमदजई ने तालिबानी नेता खलील उल रहमान और मुफ्ती महमूद जाकिर की मौजूदगी में तालिबान के लिए अपने समर्थन की घोषणा की।
ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें अशरफ गनी के भाई को तालिबान में शामिल होता दिखाया गया है।
मोहम्मद जलाल ने यह वीडियो साझा किया है। हशमत गनी ने अलहज खलील उर रहमान हक्कानी से मुलाकात के बाद अपना समर्थन देने का वादा किया है।
दरअसल, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने परिवार के साथ यूएई में बस गए हैं।
गनी ने कहा कि वह देश में खूनखराबा नहीं चाहते थे और इसलिए उनके पास भागने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
इसके साथ उन्होंने खुद पर लगे उन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि वह कैश से भरी चार गाड़ियां लेकर भागे हैं। उन्होंने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दिया है।
इसी बीच अमरुल्लाह सालेह ने खुद को देश का वैध कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया है। सालेह ने कहा है कि वह तालिबान का समर्थन नहीं करते हैं।
उन्होंने तालिबान के खिलाफ पंजशीर शहर से लड़ाई शुरू कर दी है। सालेह ने बताया कि वह अभी भी अफगानिस्तान के अंदर हैं।