कैनबरा: ऑस्ट्रेलिया नए हिंद-प्रशांत सुरक्षा भागीदारी (इंडोपैसिफिक सिक्योरिटी पार्टनरशिप) के तहत ब्रिटेन और अमेरिका के साथ मिलकर परमाणु संचालित आठ पनडुब्बियों का निर्माण करेगा।
ऑस्ट्रेलिया दूसरा ऐसा देश होगा जो परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का निर्माण करेगा। इससे पहले साल 1958 में ब्रिटेन ने इनका निर्माण किया था।
प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने कहा कि दुनिया बहुत ही छोटी होती जा रही है, विशेषकर हमारे अपने भारतीय-प्रशांत क्षेत्र कि बात करें तो इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे क्षेत्र को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करने में मदद करने के लिए हमें अब अपनी साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जाना चाहिए।
उन्होंने गुरुवार सुबह अपने दो सबसे बड़े सहयोगी देशों, अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से परमाणु-संचालित पनडुब्बियों पर स्विच करने के लिए एक ऐतिहासिक त्रिपक्षीय सुरक्षा समूह, जिसे ‘ऑकस’ के नाम से जाना जाता है, उसकी घोषणा की।
इसके साथ ही उन्होंने इसमें आस्ट्रेलिया की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक साथ मिलकर ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाइडेन ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री का तो नाम लिया लेकिन वह मॉरिसन का नाम भूल गये, जिसके बाद कुछ देर के लिए काफी अजीब माहौल बन गया।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि पनडुब्बियों को अगले 18 महीनों में विकसित किया जाएगा और अमेरिका और ब्रिटेन के सहयोग से इन्हें एडिलेट में बनाया जाएगा।
ये पनडुब्बियां ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा बेड़े की तुलना में शांत लेकिन काफी ज्यादा विध्वंसक होंगी।
जो चीन के किसी भी संभावित खतरे को मुंहतोड़ जवाब देने में काबिल होंगी।