मलेशिया में कुत्ते से मनुष्यों में फैला कोरोना का संक्रमण

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क्वालालाम्पुर: मलेशिया में वैज्ञानिकों ने एक नए कोरोना वायरस का पता लगाया है। जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह कुत्‍तों से पैदा हुआ और इसकी चपेट में कई साल पहले कुछ लोग भी आए थे।

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इसकी पुष्टि हो जाती है तो यह पशुओं से इंसानों में आया आठवां वायरस होगा। साथ ही इंसान के सबसे अच्‍छे दोस्‍त कहे जाने वाले कुत्‍ते से आया पहला वायरस होगा।

कुत्‍ते से इंसान में कोरोना वायरस के आने का खुलासा ऐसे समय पर हुआ है जब दुनियाभर में कोरोना महामारी ने कहर बरपा रखा है।

शोधकर्ताओं को इस बात पर आश्‍चर्य हो रहा है कि क्‍या अन्‍य वायरस मौजूद हैं और अब तक हमें उनका पता नहीं चल पाया है।

पिछले करीब 20 साल से वायरसों पर काम करने वाले महामारी विशेषज्ञ डॉक्‍टर ग्रेगरी ग्रे ने अपने एक छात्र को कोरोना वायरस के मौजूदा जांच से इतर एक शक्तिशाली टेस्टिंग टूल बनाने का जिम्‍मा सौंपा।

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ग्रेगरी और उनके स्‍टूडेंट ने मिलकर एक ऐसे टूल का निर्माण किया जो अन्‍य कोरोना वायरस के साक्ष्‍य की तलाश कर सकता है।

इस टूल की मदद से जब पिछले साल कई नमूनों की जांच की गई तो कुत्‍तों से संभावित लिंक का खुलासा हुआ। ये नमूने मलेशिया के सारवेक स्थित एक अस्‍पताल के मरीजों के थे।

इन लोगों को वर्ष 2017 और 2018 में निमोनिया जैसे लक्षण देखे गए थे। इन मरीजों में ज्‍यादातर बच्‍चे हैं।

ग्रेगरी की टीम ने नए टूल का प्रयोग करते हुए 301 में से 8 नमूने ऐसे थे जो कुत्‍ते से आए कोरोना वायरस से संक्रमित थे।

ग्रेगरी ने कहा कि यह मरीजों के अंदर कोरोना वायरस की बहुत अधिक मात्रा है। उन्‍होंने कहा कि यह नतीजे बहुत‍ उल्‍लेखनीय हैं।

इस दल ने अपने नतीजों की पुष्टि के लिए अमेरिका के ओहियो स्‍टेट यूनिवर्सिटी की चर्चित वायरोलॉजिस्‍ट अनस्‍तसिया व्‍लासोवा के पास भेजा।

अनस्‍तसिया ने कहा कि कुत्‍ते से कोरोना वायरस के इंसानों के अंदर जाने के बारे में पहले कभी सोचा नहीं गया था।

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