वॉशिंगटन: भारत में पहली बार सामने आया कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट ब्रिटेन को अपनी चपेट में ले चुका है। अब इस संक्रामक कोरोना स्ट्रेन के अमेरिका पर कब्जा करने का खतरा मंडराने लगा है।
अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची ने आगाह किया है कि डेल्टा वेरिएंट अमेरिका में किए जा रहे बचाव के उपायों के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट अगर अमेरिका में ऐसे ही फैलता रहा तो इस साल के आखिर में एक बार फिर से अमेरिका में इस महामारी के मामले बढ़ सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में अभी हालत यह है कि हर 5 में से एक कोरोना केस डेल्टा वेरिएंट से जुड़ा हुआ है। डेल्टा वैरिएंट ने पूरे ब्रिटेन पर शिकंजा कस लिया है और उसने अपने पहले के अल्फा वेरिएंट की जगह ले ली है।
अमेरिकी विशेषज्ञ डॉक्टर पीटर होटेज ने कहा यह कोरोना वैरिएंट अब तक हमारे सामने आए सभी वैरिएंट में सबसे ज्यादा संक्रामक है। ब्रिटेन में क्या हुआ है यह हमने देखा है।
इसने क्रमश: पूरे देश को अपने शिकंजे में ले लिया। इसलिए अमेरिका में भविष्य में क्या हो सकता है, यह सोच कर मैं बेहद चिंतित हूं।
अमेरिकी सीडीसी के डायरेक्टर डॉक्टर रोचेल्ले वालेन्स्की ने कहा कि उनका अनुमान है कि कई महीने पहले ही डेल्टा वेरिएंट सबसे प्रमुख वेरिएंट बन जाएगा।
कोविड वेरिएंट्स पर नजर रखने वाले एक अन्य विशेषज्ञ विलियम ली ने कहा कि कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का प्रसार अगले कुछ सप्ताह में हो सकता है, न कि कुछ महीने में।
सीडीसी का अनुमान है कि पिछले दो सप्ताह में अमेरिका में कोरोना वायरस के 10 फीसदी मामलों के लिए डेल्टा वेरिएंट ही जिम्मेदार है। डॉक्टर फाउची ने भी कहा कि हर पांचवां मामला डेल्टा वेरिएंट से जुड़ा हुआ है।
डॉक्टर फाउची ने कहा यह स्ट्रेन बहुत ज्यादा संक्रामक है और पहले के स्ट्रेन की तुलना में आसानी से संक्रमित कर दे रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि इस वायरस का स्ट्रेन दुनियाभर में सबसे प्रमुख स्ट्रेन बनता जा रहा है। इस वेरिएंट के साथ एक और खतरा यह है कि मरीज पहले की तुलना में ज्यादा गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं।