काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान के जुल्म से लोग परेशान हैं। इसलिए अब अहमद मसूद की अगुवाई में पंजशीर में लोगों ने तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन तेज कर दिए हैं।
इसमें पूर्व सैनिक भी पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। अगुवाई कर रहे अहमद मसूद तालिबानियों को मात दे चुके अहमद शाह मसूद के बेटे हैं।
वॉशिंगटन पोस्ट के संपादकीय में अहमद मसूद ने लिखा है कि विशेष बलों सहित अफगान की सेना ने भी इस पहल का समर्थन किया है और पश्चिम से मदद मांगी है।
अहमद मसूद से इतर खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह भी तालिबान के खिलाफ हैं और वह रणनीति बना रहे हैं।
संपादकीय में अहमद मसूद ने बताया कि उनके पास उनके पिता के समय के गोला-बारूद और हथियार हैं।
उनका कहना था कि उन्हें पता था कि यह दिन आनेवाला है। उन्होंने कहा कि समर्थन करने आए बल अपने हथियार साथ लाये हैं।
उनका कहना है कि यदि तालिबान हमला करता है तो हम जवाब देने के लिए तैयार हैं।
अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर गुरुवार को देश में कई स्थानों पर तालिबान के खिलाफ रैली निकाली गई।
इन रैलियों पर कई स्थानों पर महिलाओं ने भी भाग लिया। कई स्थानों पर किए गए प्रदर्शनों में लोगों ने तालिबानी झंडो को हटाकर देश के झंडे फहराए गए।
अहमद का कहना है कि उनकी सेना पश्चिम की मदद के बिना टिक नहीं पाएगी और उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस से समर्थन और सैन्य मदद की अपील की है।
उन्होंने कहा है कि तालिबान अकेले अफगान लोगों के लिए कोई समस्या नहीं है बल्कि यहां एक बार फिर लोकतंत्र के खिलाफ साजिश रची जाएगी।