Does Putin want to defeat Kamala Harris?: दुनिया के सबसे पावरफुल देशों में से एक अमेरिका की सबसे ताकतवर कुर्सी पर जो बैठेगा, उससे Global राजनीतिक और पावर पॉलिटिक्स के समीकरण भी तय होंगे।
जो बाइडन एडमिनिस्ट्रेशन ने व्लादिमीर पुतिन पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप करने और इसे ‘प्रभावित’ करने का आरोप लगाया है।
आखिर क्या वजह है कि डेमोक्रेटिक कैंडिडेट और अमेरिका में President पद की मजबूत दावेदार, युवा अमेरिकियों की खास पसंद बनकर उभरीं कमला हैरिस को रूस हराना चाहते है। अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होना है।
राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस का Republican Party के डोनाल्ड ट्रंप से मुकाबला होगा। 10 सितंबर को कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण प्रेजिडेंशल डिबेट होनी है।
अमेरिका के खुफिया अधिकारी के हवाले से इंटरनेशनल मीडिया में यह पहले ही आ चुका है कि रूस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार Donald Trump को ही अपना पसंदीदा उम्मीदवार मानता है। राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से कड़े शब्दों में आरोप लगाए जा चुके हैं कि गलत सूचना को बढ़ावा देने के साथ ही रूस दुष्प्रचार के लिए कुछ मजबूत और प्रभावशाली अमेरिकियों को अपने कांड में शामिल करने का प्रयास कर रहा है।
अमेरिकी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई में सरकारी मीडिया संगठन ‘आरटी’ के अधिकारी के खिलाफ प्रतिबंध लगाना भी शामिल है जिसे न्याय विभाग ने विदेशी एजेंट के रूप में रजिस्टर करवाने के लिए मजबूर किया गया था और साथ ही उन पर वीजा प्रतिबंध भी लगाए गए थे।
रूसी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिका के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ये बेतुकी बात है। अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका के चुनावों में और खास तौर से ट्रंप को पद के लिए जीत दिलाने में उनकी कोई रुचि नहीं है। रूस की एक सांसद ने कहा कि रूस पर लगाए जा रहे आरोप बेतुके हैं।
रूसी विदेश नीति विशेषज्ञ के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प पहले ही वाइट हाउस में रह चुके हैं और उनके साथ का अनुभव रूस कर चुका है। और यह उनके जीवन के सबसे बुरे चार साल थे। RT ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि जो बातें की जा रही हैं, वे हास्यास्पद हैं।
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, रूस अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए हो रहे चुनावों पर असर डालने की लगातार कोशिश कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि क्रेमलिन से जुड़े समूह Digital प्रचार-प्रसार के काम को Outsource करने के लिए रूस के भीतर मार्केटिंग और संचार फर्मों को नियुक्त कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियां पहले भी रूस पर चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगा चुकी हैं।