वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति के शीर्ष सलाहकार डॉ एंथनी फाउची की पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी कम ही बनी।
ईमेल के मसले पर फिर ट्रंप की पार्टी के सांसदों ने डॉ फाउची को घेरना शुरू कर दिया है।
अमेरिका में कंजर्वेटिव न्यूज चैनलों ने डॉ फाउची को झूठा बताना शुरू कर दिया है और डॉ फाउची पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने वुहान लैब से कोरोना वायरस लीक होने के मामले में चीन का बचाव किया।
रिपब्लिकन नेताओं ने इस मामले में जांच की मांग की है।
असल में, अप्रैल 2020 में स्वास्थ्य मामलों से जुड़ी एक संस्था के अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से वैज्ञानिक आधार पर लैब-लीक थ्योरी को खारिज करने को लेकर ईमेल भेजकर डॉ फाउची का आभार जताया था।
इस पर डॉ फाउची ने भी शुक्रिया कहा था। ईको-हेल्थ अलायंस के प्रमुख पीटर डैसजैक ने पिछले साल अप्रैल में डॉ फाउची को ईमेल भेजा था।
इसमें उन्होंने लैब-लीक थ्योरी को नकारने के लिए डॉ एंथनी फाउची की सराहना करते हुए उन्हे साहसी बताया है। इसके जवाब में फाउची ने लिखा शुक्रिया लिखा।
यह ईमेल सामने आने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन के सलाहकार डॉ फाउची पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इसी ईमेल को लेकर उनसे सवाल किया जा रहा है कि क्या डॉ फाउची ने तब चीन का समर्थन किया था, जब वुहान की एक लैब से करोना वायरस के लीक होने की आशंका को वो खारिज कर रहा था।
द वॉशिंगटन पोस्ट, बजफीड न्यूज और सीएनएन ने फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन एक्ट के तहत जनवरी से जून 2000 के बीच डॉ फाउची के हजारों निजी ईमेल हासिल किए हैं।
ये मेल कोरोना वायरस को लेकर हुई उनकी बातचीत के बताए जा रहे हैं। इनमें एक मेल में लैब से वायरस के लीक होने की बात से इनकार किया गया है।
उस समय इसमें साइंस संबंधी कई चर्चाएं थीं। लेकिन ट्रंप सहित कई रिपब्लिकन ईमेल में वायरस की बात छिपाने का आरोप लगा रहे हैं।