वाशिंगटन : अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने कहा कि यह महामारी सभी की दुश्मन है सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नहीं।
फाउची ने भारतीय नेताओं को चेताया कि लड़ने की बजाए इस समय देश के बड़े दुश्मन कोरोना वायरस से जंग लड़नी चाहिए। यह समय महामारी के खिलाफ लड़ने का है।
बड़े अफसोस की बात है कि भारतीय नेता इस समय पीएम मोदी के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं और वायरस को कम समझ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में कुछ लोगों के लिए नागरिकों की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण राजनीति है।
इस वायरस का लोगों पर क्या असर हो रहा या उनका क्या हाल इसकी तरफ ध्यान देने की बजाए राजनेता आरोप-प्रत्योप में लगे हुए हैं।
डॉ फाउची ने कहा कि जहां पीएम मोदी और उनकी टीम लोगों का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन में जुटी हुई है वहीं विपक्ष सहयोग करने की बजाए अफवाहें फैलाकर भ्रम पैदा कर रहा है।
विपक्ष की इस चाल से लोगों का ही नुकसान होगा क्योंकि यह वायरस किसी एक के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए एक जैसा है।
डॉ फाउची ने कहा कि विपक्ष यह नहीं देख रहा कि पीएम मोदी की दिन-रात मेहनत के कारण ही वैज्ञानिक समय से पहले कोरोना वैक्सीन लेकर आए और इसे लोगों को लागाय शुरू किया बल्कि नेता यह देख रहे हैं कि दवा की देश में कमी है।
जबकि मोदी सरकार वैक्सीन आपूर्ति के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है।
डॉ फाउची ने कहा कि पीएम मोदी नें 15 अगस्त 2020 में घोषणा की थी कि जल्द ही कोरोना पर भारतीय वैक्सीन आएगी और वैज्ञानिक तभी से काम पर लग गए थे।
जनवरी 2021 में देश में वैक्सीनेश का काम शुरू भी हो गया था, विपक्ष को यह चीजें भी ध्यान में रखनी चाहिएं।
इससे पहले भी अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची कोरोना वायरस को लेकर भारत की स्थिति पर कुछ न कुछ कहते आए हैं।
पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि भारत इस गलतफहमी में आ गया था कि कोरोना वायरस खत्म हो गया है इसलिए समय से पहले ही पाबंदियों में ढील दे दी गई।
भारत कोविड महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन, टीका और दवाइयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ फाउची ने संसद की स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम एवं पेंशन समिति के समक्ष कहा था कि भारत के वर्तमान गंभीर हालात का कारण यह है कि वहां वास्तव में एक लहर थी और उन्होंने यह गलत आकलन किया।