कैनबेरा: बिग बैंग के एक अरब साल के अंदर एक सितारे में हुए महाविस्फोट के सबूत वैज्ञानिकों को मिले हैं।
आमतौर पर कोई सितारा मरता है तो उसमें होने वाले विस्फोट को सुपरनोवा कहा जाता है, लेकिन उससे भी 10 गुना ज्यादा चमकीले और ऊर्जा वाले होते हैं मैग्नेटो-रोटेशनल हाइपरनोवा और इन्हीं में से एक के बारे में वैज्ञानिकों को जानकारी मिली है।
अध्ययन में पाया गया है कि इस विस्फोट के बाद ऐसे एलिमेंट्स बचे थे जिनसे सितारों की अगली पीढ़ियां पैदा हो सकीं।
विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक इस तरह का विस्फोट जिन सितारों में होता है, उनका द्रव्यमान सूरज से दर्जनों गुना ज्यादा होता है। ये तेजी से घूमते हैं और इनका चुंबकीय क्षेत्र भी काफी विशाल होता है।
इसके मरने पर विशाल धमाका होता है और इसके एलिमेंट्स हेवी मेटल्स में तब्दील हो जाता हैं। यह जानकारी ऑस्ट्रेलिया की नेशनल यूनिवर्सिटी के ऐस्ट्रॉनमर डेविड यॉन्ग ने दी है।
यॉन्ग और उनके साथियों ने हमारी ही आकाशगंगा के किनारे ऐसा सितारा ढूंढा है, जिसमें इस तरह के विस्फोट के बाद होने वाले केमिकल मिल सकते हैं।
इस सितारे का नाम है एसएमएसएस जे200322.54-114203.3 और यह सूरज से 7,500 प्रकाशवर्ष दूर है।
यह करीब 13 अरब साल पहले बना था यानी ब्रह्मांड की उत्पत्ति के 80 करोड़ साल बाद। ये ब्रह्मांड के सबसे पुराने सितारों में से एक है।
नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इससे निकलने वाली रोशनी की वेवलेंथ के आधार पर इसमें मौजूद केमिकल्स का विश्लेषण किया।
इसके लिए चिली के ऐटाकामा रेगिस्तान में स्थित जायंट मैगेलान टेलिस्कोप के स्पेशल इंस्ट्रुमेंट्स की मदद ली गई और पाया गया कि दूसरे सितारों से अलग इसमें लोहा कम था, जबकि जिंक, यूरेनियम और यूरोपियम जैसे हेवी एलिमेंट्स बहुत ज्यादा मात्रा में थे।
अध्ययन के अनुसार इसके पीछे कारण महाविशाल विस्फोट है यानी ऐसा ‘हाइपरनोवा जो तेज रोटेशन और शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र की वजह से और ज्यादा तीव्र हो गया हो।
अध्ययन के सह-लेखक यूनिवर्सिटी ऑफ हर्टफर्डशेर के चियाकी कोबायशी के मुताबिक पहली बार ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे अलग तरह के हाइपरनोवा के बारे में पता चलता है जिसने एक बार में पीरियॉडिक टेबल के सभी स्टेबल एलिमेंट्स को पैदा किया।
यह खोज इसलिए अहम है क्योंकि इसके जरिए दूसरे सितारों के पैदा होने के बारे में पता चल सकता है।