लंदन: बच्चों को स्कूल न जाना पड़े इसके लिए वो की वहाने बनाते हैं। ब्रिटेन में बच्चों का एक ऐसा ही अनोखा बहाना सामने आया है। यहां के कुछ स्कूली बच्चे ऑरेंज जूस से कोरोना की फर्जी पॉजिटिव तैयार कर रहे हैं।
दरअसल कोरोना पॉजिटिव होने वाले बच्चों को स्कूल में दो हफ्ते की छुट्टी मिल जाती है, लेकिन अब इन बच्चों की पोल खुल गई है।
यहां के टीचर्स को पता चला है कि बच्चे कोरोना की रैपिड एंटीजन टेस्ट के दौरान स्वैब के बदले ऑरेंज जूस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
कोरोना की ऐसी फर्जी रिपोर्ट के बारे में पता चला तो पाया गया कि ऑरेंज जूस में वायरस नहीं है, बल्कि ऐसा जूस में मौजूद एसिडिटी पदार्थ के चलते हुआ।
साथ ही ये भी पाया गया कि सिर्फ ऑरेंज जूस ही नहीं बल्कि दूसरे ड्रिंक, केचअप और कोका कोला के इस्तेमाल से भी रैपिड एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव रिपोर्ट आ रही है।
ब्रिटेन के एक साइंस टीचर ने कहा कि उनके यहां बच्चे इस तरह की रिपोर्ट को दिखा कर दो हफ्ते की छुट्टी ले रहे हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन के प्रोफेसर एंड्रिया सेला ने कहा कि ये खोज हैरान करने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा, अगर कोई जानबूझकर प्रोटोकॉल को तोड़ता है तो निश्चित रूप से आपको एक गलत परिणाम मिलेगा, लेकिन यहां ये सही मायने में फॉल्स पॉजिटिव नहीं है। क्योंकि प्रोटोकॉल के पालनठीक तरीके से नहीं किया गया।
ब्रिटेन में इन दिनों ऐसी ट्रिक टिकटॉक और दूसरे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर वायरल हो रही हैं। इस तरह के एक वीडियो पर तो 6.5 मिलियन से ज्यादा व्यूज़ हैं।
हल विश्वविद्यालय में विज्ञान संचार और रसायन विज्ञान के प्रोफेसर मार्क लोर्च ने कहा कि बफर सॉल्यूशन के साथ धोकर नकली सकारात्मक रिपोर्ट तैयार करना संभव है, लेकिन एक बार पीएच वैल्यू दिखाने के कुछ देर बाद किट से लाइन गायब हो जाती है।