वॉशिंगटन: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद तीखी आलोचना झेल रहे अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक दिन बाद व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति बिना लड़े देश छोड़कर भाग गए, लेकिन हम अपने फैसले पर अडिग हैं और नागरिकों की सुरक्षा का प्रयास करेंगे। साथ ही आने वाले दिनों में सहायता प्रदान करेंगे।
अमेरिकी ऱाष्ट्रपति बाइडन ने अफगानिस्तान के हालात पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आज कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत ने डेमोक्रेटिक पार्टी के घरेलू राजनीतिक घटनाक्रम को प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि हम अतीत की गलतियों से चिपके नहीं रहना चाहते। हम अपनी सेना को कुछ और दिन वहां रख सकते थे, लेकिन हमारी सोच अलग थी।
उन्होंने कहा कि हम नागरिकों की सुरक्षा का प्रयास करेंगे और आने वाले दिनों में सहायता प्रदान करेंगे।
अमेरिकी जनता को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा कि मैं अपने फैसले पर अडिग हूं। गनी बिना लड़ाई किए भाग खड़े हुए हैं, उन्होंने मुकाबले का माद्दा क्यों नहीं दिखाया।
उन्होंने कहा कि हमने लगातार लड़ाई लड़ी, हमने कोशिशें लगातार जारी रखी हैं।
बाइडन ने कहा कि ट्रंप सरकार के दौरान भी 15 हजार से अधिक अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में थे।
उन्होंने कहा कि आतंकियों के खात्मे में हमने काफी काम किया और बतौर राष्ट्रपति मुझे कड़े फैसले लेने पड़े हैं। बीस सालों से हमारी सेना वहां लड़ रही थी।
लोग कहते हैं कि हम हिम्मत हार गए और अभियान को बीच में छोड़ दिया, लेकिन हमने सही फैसला लिया, हमने ये सोचा था कि हमें और ज्यादा लोगों को मरने नहीं देना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान में लोकतंत्र स्थापना का हमारा सपना था, लेकिन वहां अचानक हालात बदले और देशों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है।