दुबई: अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने काबुल लौटने का संकल्प लिया है। वह काबुल में तालिबान के प्रवेश करने के बाद देश छोड़कर भाग गए थे।
गनी ने बुधवार रात संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से एक लाइव फेसबुक प्रसारण के दौरान यह बयान दिया।
उन्होंने कहा, मैं (संयुक्त अरब) अमीरात में हूं, लेकिन मैं जल्द ही अपने देश लौटूंगा।
उन्होंने कहा वह घर लौटने से पहले दूसरों के साथ परामर्श कर रहे हैं।
गनी ने कहा कि वह अफगानों के लिए न्याय हासिल करने के लिए काम करना जारी रखेंगे।
गनी ने कहा, मुझे काबुल छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, मैं राजधानी में रक्तपात का कारण नहीं बनना चाहता था।
उन्होंने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा, जो लोग सोचते हैं कि मैं भाग गया हूं, उन्हें मुझे जज नहीं करना चाहिए, क्योंकि वे सभी विवरण नहीं जानते हैं।
पूर्व राष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि वह खुद को देशद्रोही नहीं मानते हैं।
उन्होंने कहा, मैंने देश के साथ विश्वासघात नहीं किया। हम काबुल के लिए शांति चाहते थे और इसे नष्ट नहीं करना चाहते थे। मुझे उम्मीद है कि अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त हो जाएगा।
उन्होंने कहा, इस विफलता के लिए हमारे सशस्त्र बल जिम्मेदार नहीं हैं, राजनेता दोषी हैं।
गनी ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह काबुल की सुरक्षा और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को सुनिश्चित करने के लिए तालिबान के साथ बातचीत कर रहे हैं।
15 अगस्त को तालिबान के काबुल में बिना किसी लड़ाई के प्रवेश करने और राजधानी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने से कई घंटे पहले गनी अफगानिस्तान छोड़ चुके थे।
उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को राष्ट्रीय संविधान के अनुसार कार्यवाहक अध्यक्ष घोषित किया है और राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में तालिबान के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध करने का आह्वान किया है।
दूसरी ओर पश्चिमी देश अपने नागरिकों और दूतावास के कर्मचारियों को अफगानिस्तान से निकाल रहे हैं।