India refuses to sign joint statement for peace in Ukraine : यूक्रेन में शांति के लिए स्विट्जरलैंड (Switzerland) द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में संयुक्त बयान पर भारत समेत कुछ देशों ने हस्ताक्षर नहीं किए।
अपने संक्षिप्त संबोधन में भारत के वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि शांति शिखर सम्मेलन (Peace Summit) में भारत भागीदारी और यूक्रेन (Ukraine) के शांति फार्मूले पर आधारित वरिष्ठ अधिकारियों की कई पूर्व बैठकें हमारे स्पष्ट और सुसंगत दृष्टिकोण के अनुरूप हैं कि स्थायी शांति केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है।
भारत ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए रूस और Ukraine के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक भागीदारी का आह्वान किया।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने Swiss Resort Burgenstock में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें कई राष्ट्राध्यक्षों सहित 100 से अधिक देशों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का मानना है कि इस तरह के समाधान के लिए संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक भागीदारी की आवश्यकता है।
मंत्रालय ने कहा, इस संबंध में, भारत सभी हितधारकों के साथ-साथ दोनों पक्षों के साथ बातचीत जारी रखेगा, ताकि शीघ्र और स्थायी शांति लाने के लिए सभी गंभीर प्रयासों में योगदान दिया जा सके। Switzerland के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि 83 देशों और संगठनों ने यूक्रेन में शांति पर उच्च स्तरीय सम्मेलन के अंत में संयुक्त बयान को मंजूरी दी। शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भविष्य की शांति प्रक्रिया को प्रेरित करना था।
रूस (Russia) को शिखर सम्मेलन (Summit) में आमंत्रित नहीं किया गया था, जबकि चीन ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन और समापन पूर्ण सत्र में भाग लिया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत ने इस शिखर सम्मेलन से जारी होने वाले किसी भी विज्ञप्ति या दस्तावेज से खुद को संबद्ध नहीं किया है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, सम्मेलन में भारत की भागीदारी, साथ ही यूक्रेन (Ukraine) के शांति फार्मूले पर आधारित पूर्ववर्ती NSA या राजनीतिक निदेशक स्तर की बैठकों में भागीदारी, संवाद और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुगम बनाने के हमारी सतत सोच के अनुरूप है।