Iran is desperate to attack Israel: हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या (Murder) के बाद इजरायल पर हमला करने को ईरान (Iran) बेताब है। इजरायल पर चौतरफा हमले का खतरा मंडरा रहा है। एक ओर Iran तो दूसरी ओर हिजबुल्लाह। दोनों मिलकर इजरायल पर हमला कर सकते हैं।
यही वजह है कि अब अपने दोस्त इजरायल की रक्षा करने के लिए अमेरिका ने अपनी बड़ी चाल चल दी है। इजरायल और ईरान में बढ़ते तवान के बीच अमेरिका ने अपनी मिसाइल सबमरीन को Middle East में तैनात करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि मिडिल ईस्ट में इजरायल के दुश्मनों के लिए यह एक तरह से संदेश है कि इजरायल अकेला नहीं है। उसके साथ दुनिया का सुपरपावर अमेरिका खड़ा है।
अमेरिका ने केवल मिडिल ईस्ट में सबमरीन की ही तैनाती के आदेश नहीं दिए हैं। Rather America अपने फाइटर जेट्स और नेवी वॉरशिप को भी Middle East में तैनात करने का प्लान बना रहा है। इन सबका मकसद इजरायली सुरक्षा को और मजबूती प्रदान करना है।
अमेरिका का यह कदम इसलिए भी अहम है, क्योंकि ईरान और हिजबुल्लाह समेत कई देश इजरायल पर हमले की योजना बना रहे हैं। इजरायल के खिलाफ ईरान का गुस्सा सातवें आसमान पर है। इसकी वजह है कि तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई। ईरान ने इसके लिए इजरायल को जिम्मेवार ठहराया है, जबकि इजरायल ने अब तक कबूल नहीं किया है।
दरअसल, रविवार को Pentagon ने एक बड़े ऐलान की घोषणा की। अमेरिकी रक्षा मंत्री lloyd Austin ने एक निर्देश जारी किया है कि एक गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी को मिडिल ईस्ट में तैनात किया जाए। अमेरिकी सेना के सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक, न्यूक्लियर्ड पावर्ड सबमरीन यानी परमाणु ऊर्जा से संचालित Submarine uss Georgia पहले से ही जुलाई में भूमध्यसागर में तैनात थी।
ऐसे में पनडुब्बी की तैनाती की सार्वजनिक घोषणा करना अपने आप में एक बड़ी बात है और ऐसा बहुत कम होता है। बता दें कि हाल ही में हमास चीफ इस्माइल हानिया और हिजबुल्लाह के फुआद शुक्र की हत्या के बाद इस इलाके में जबरदस्त तनाव है। माना जा रहा है कि इसी के मद्देनजर अमेरिका ने ये कदम उठाया है। खबरों के मुताबिक, इजरायली रक्षामंत्री के साथ बातचीत के बाद Austin ने यह कदम उठाया है।
ऑस्टिन ने अमेरिका के अब्राहम लिंकन Strike Group को इस इलाके में जल्दी से जल्दी पहुंचने का आदेश दिया है। पेंटागन के बयान के मुताबिक, ‘Secretary Austin ने इजरायल की रक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई है। साथ ही क्षेत्रीय तनाव बढ़ने के कारण पूरे मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य बल की तैनाती और क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दिया।