लंदन: इजराइल द्वारा तैयार किए गए पेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर भारत सहित पूरी दुनिया में बवाल मचा है।
तमाम राष्ट्रप्रमुखों के फोन की जासूसी की खबरें आ रही हैं। ऐसे में इस सॉफ्टवेयर को बनाने वाले देश इजराइल में भी इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है।
इजराइल ने एक बयान में कहा गया है कि इजराइली संसद का एक पैनल अपनी डिफेंस एक्सपोर्ट पॉलिसी में बदलाव करने की सोच रहा है।
दरअसल, इजराइल अब पेगासस सॉफ्टवेयर के निर्यात को बंद करने पर विचार कर रहा है।
पेगासस सॉफ्टवेयर पर तमाम देश उंगलियां उठा रहे हैं। आरोप है कि पेगासस ने दुनियाभर की बहुत सी बड़ी हस्तियों के फोन की जासूसी की है।
इनमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से लेकर जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल तक के नाम शामिल हैं। इसे लेकर मैक्रों ने गुरुवार को एक बैठक की थी।
वहीं मार्केल ने कहा है कि जिन राज्यों में न्यायिक निगरानी नहीं है, यह सॉफ्टवेयर उन राज्यों को नहीं देना चाहिए।
एक तरफ इस मामलों में पेगासस बनाने वाली एनएसओ तमाम मीडिया रिपोर्ट्स को नकार रही है, वहीं इजराल के विदेशी मामलों और रक्षा समिति के प्रमुख राम बेन-बराक ने इस पर अपना बयान जारी किया है।
उन्होंने इस मामले में रक्षा निर्यात नियंत्रण एजेंसी (डेका) की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इस मामले को एक नए सिरे से देखा जा रहा है।
इजराइल ने इस मामले में एक टीम का भी गठन किया है, जो उन रिपोर्ट की जांच करेगी, जिनमें दावा किया गया है कि पेगासस के द्वारा स्मार्टफोन हैक किए गए हैं।
चेक किए जाएगा कि क्या वाकई में कुछ बड़ी हस्तियों के मोबाइल हैक कर के उनके मैसेज पढ़े गए और कॉल्स रेकॉर्ड की गईं।
पेगासस बनाने वाली एनएसओ ने कहा है कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि किन लोगों की जासूसी की गई है।
उसने कहा कि अगर उसे कोई शिकायत मिलती है कि उनके ग्राहक पेगासस का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं तो वह इसकी जांच करेगी। शिकायतें मिलने पर ऐसे क्लाइंट के पेगासस को बंद भी किया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स में पाकिस्तानी पीएम इमरान खान और मोरक्को के राजा मोहम्मद छठवें के फोन भी हैक किए जाने की खबर है।
इन मामलों पर बेन बराक ने कहा है कि इजराइल की सरकार इस मामले की जांच करेगी। जांच में जो भी परिणाम आएंगे, उनके आधार पर निर्णय होगा कि इस मसले को कैसे सुलझाया जाएगा।