More than 1300 People Lost their lives Due to heat During Haj Pilgrimage : इस माह सऊदी अरब में वार्षिक हजयात्रा के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
मरने वालों में सबसे ज्यादा मिस्र के नागरिक थे। हज (Haj) पर गए लोगों का कहना है कि ये मौतें काफी हद तक टाली जा सकती थीं।
इतनी बड़ी तादाद में हाजियों की मौतों में अहम वजह सऊदी अधिकारियों की लापरवाही बनी।
सऊदी अरब में 20 वर्षों से रह रहे उमर ने हज पूरा करने के बाद बताया, लोग मेरे चारों ओर गिर रहे थे और जब भी मैं एंबुलेंस रोकता था, तब Paramedics कहते थे कि वे किसी और को बचाने के लिए जा रहे हैं। जाहिर है जब लोगों को इलाज की जरूरत थी, तब उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा था और वे दम तोड़ रहे थे।
उमर ने कहा, हम बिना पानी पिए लंबी दूरी तक चले। मुजदलिफा के रास्ते पर मैं तीन Kilometers तक धूप में चला। इस दौरान ना आराम करने की जगह थी और न ही छाया के लिए कोई पेड़ था। जब मैं कुछ कूलरों के पास पहुंचा, तब पाया कि वे बंद हो चुके थे और उनमें पानी भी नहीं था।
ये सऊदी (saudi) अफसरों की कार्यशैली और वहां के इंतजाम बताने के लिए काफी है। सऊदी में अगस्त 1985 में 1,012 तीर्थयात्रियों की 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के कारण मौत हुई थी। इसके बाद इस साल सबसे ज्यादा मुश्किल हज यात्रा कही जा रही है।
सऊदी सुरक्षा सूत्र ने बताया कि इस वर्ष मरने वालों की वास्तविक संख्या बताई गई संख्या से तीन से चार गुना अधिक हो सकती है। सऊदी सरकार भी इस मामले में बहुत संभलकर बोल रही है। हज से एक हफ़्ते पहले सऊदी अरब ने घोषणा की थी कि उसके सुरक्षा बलों ने मक्का से तीन लाख से ज़्यादा अपंजीकृत लोगों को हटा दिया है।
अधिकारियों ने घोषणा की थी कि हज बैज या वर्क परमिट के बिना किसी भी व्यक्ति को मक्का में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इस वर्ष पेयजल और जूस की उपलब्धता पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम थी, साथ ही आपातकालीन सेवाएं और सार्वजनिक जल छिड़काव की भी अच्छी व्यवस्था नहीं थी।