New murder case registered against Sheikh Hasina in Bangladesh: बांग्लादेश में विवादित आरक्षण प्रणाली के खिलाफ आंदोलन के दौरान दो लोगों की मौत के मामले में देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) और उनकी सरकार के पूर्व मंत्रियों के खिलाफ हत्या के दो नये मामले दर्ज किए गए हैं। मीडिया में सोमवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई।
बांग्लादेश की 76 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ दर्ज मामलों की श्रृंखला में यह ताजा मामला है, जिन्होंने सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को त्यागपत्र दे दिया था और भारत चली गयी थी ।
सरकारी समाचार एजेंसी BSS की खबर के अनुसार, राजधानी के मीरपुर इलाके में लिटन हसन लालू उर्फ हसन और शेर-ए-बांग्ला नगर इलाके में तारिक हुसैन की हत्या के लिए अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। इस हिंसा के कारण हसीना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था।
लिटन के भाई ने ढाका मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मेंहदी हसन की अदालत में हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (IPG) अब्दुल्ला अल मामून और अन्य समेत 148 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
मामले के दस्तावेजों के अनुसार, लिटन चार अगस्त को मीरपुर इलाके में छात्र आंदोलन के तहत एक शांतिपूर्ण जुलूस में शामिल हुआ था। दोपहर करीब दो बजे हसीना की अवामी लीग पार्टी के लोगों ने जुलूस पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे हसन घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई।
इस बीच, तारिक की मां फिदुशी खातून ने हसीना, पूर्व सड़क, परिवहन एवं पुल मंत्री ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री कमाल, पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मोहम्मद अली अराफात सहित 13 लोगों के खिलाफ एक और मामला दर्ज कराया।
रिपोर्ट के अनुसार, तारिक को पांच अगस्त को शेर-ए-बांग्ला नगर पुलिस थाने के सामने अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी और नौ अगस्त को उसकी मौत हो गई।
इससे हसीना के पद से हटने के बाद उनके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या बढ़कर पंद्रह हो गई है।
ढाका ट्रिब्यून अखबार की खबर के अनुसार, रविवार देर रात मोहम्मद मिलन की पत्नी Shahnaz Begum ने एक और हत्या का मामला दर्ज कराया। मिलन की 21 जुलाई को स्थानीय मछली बाजार से घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में हसीना, पूर्व सड़क परिवहन और पुल मंत्री कादर, पूर्व विधायक शमीम उस्मान और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान सहित 62 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
खबर के मुताबिक, हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने आग्नेयास्त्रों और लाठियों से लैस होकर छात्र आंदोलन में व्यवधान डालने के लिए ढाका-चटगांव राजमार्ग पर यातायात में बाधा उत्पन्न की थी।
खबर के अनुसार, आरोप है कि हसीना, कादर और असदुज्जमां ने प्रदर्शनकारी छात्रों और आम लोगों पर गोलीबारी व हमला करने का आदेश दिया।
खबर में कहा गया है कि उस समय मछली बाजार से घर लौट रहे मिलन के सीने में गोली लगी और वह सड़क पर गिर पड़ा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।