कोझिकोड: केरल के लिए मंगलवार की सुबह राहत की खबर आई,जहां निपाह वायरस के कारण जान गंवाले 12 वर्षीय बच्चे के करीबी संपर्क में आए लोगों की जांच रिपोर्ट में संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि बच्चे के करीबी संपर्क में आए आठ लोगों के नमूनों की जांच रिपोर्ट आ गई है जिनमें कोई भी संक्रमित नहीं है।
मंत्री बीना ने बताया, बच्चे के माता-पिता और स्वास्थ्यकर्मी,जिनमें लक्षण नजर आ रहे थे, उनके नमूने संक्रमित नहीं मिले हैं,यह राहत की बात है।
जॉर्ज ने बताया कि अभी फिलहाल 48 लोग उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं, इन लोगों को मेडिकल कॉलेज के पृथक-वास वार्ड में रखा गया है और उनका स्वास्थ्य स्थिर है।
पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की ओर से मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए व्यवस्था की गई है और पांच नमूनों की जांच की जा रही है।
मंगलवार को और नमूनों की जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को कहा था कि बच्चे के संपर्क में आए 251 लोगों की पहचान की गई है, जिनमें 129 स्वास्थ्यकर्मी हैं।
कोझिकोड के 12 वर्षीय बच्चे की निपाह के कारण मौत हो गई थी और उसके घर के तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया था।
निपाह से बच्चे की मौत के बाद कोझिकोड, कन्नूर, मलप्पुरम और वायनाड़ जिलों में स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया।
बता दें कि कोझिकोड में बच्चे के निपाह से पीड़ित होने का पता 27 अगस्त को चला था।
इसके बाद पहले एक लोकल क्लिनिक में भर्ती कराया गया था। बाद में प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां से उस मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया।
हालांकि बाद में बच्चे को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां रविवार को सुबह 5 बजे उसकी मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग ने बच्चे के एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाए जाने के रूट मैप को प्रकाशित किया है, साथ ही समय और लोकेशन की भी जानकारी दी गई है।
सरकार ने आम लोगों से अपील की है कि निपाह वायरस से जुड़ा किसी भी तरह का लक्षण दिखाई देने पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें।